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Hindi News पैसा बिज़नेस अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी की, भारत पर पड़ेंगे ये 5 बड़े असर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी की, भारत पर पड़ेंगे ये 5 बड़े असर

अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा।

<p>Fedral Reserve</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Fedral Reserve

Highlights

  • फेड के इस वृद्धि से ब्याज दर अब 0.25-0.5 प्रतिशत के दायरे में
  • विदेशी निवेशक शेयर बाजार में बिकवाली कर सकते हैं आने वाले दिनों में
  • डॉलर मजबूत होने से भातरीय बाजार में सोने की कीमत और कम होगी

नई दिल्ली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने गुरुवार को ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान किया। फेड द्वारा 25 आधार अंकों की वृद्धि से ब्याज दर अब 0.25-0.5 प्रतिशत के दायरे में आ जाएगी। अमेरिका में 40 साल के उच्चतम स्तर पर महंगाई पहुंचने के बाद फेड ने 2018 के बाद पहली बार ब्याज बढ़ाया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा। भारतीय बाजार पर इसके पांच बड़े असर देखने को मिलेंगे। आइए, समझते है कि फेड के इस फैसले से भारत में कहां-कहां असर देखने को मिल सकता है।

1. भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का खतरा

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी  के बाद विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर सकते हैं, जिससे बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले छह महीने से भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक तेजी से पैसा निकाल रहे हैं। उसकी रफ्तार अब और तेज हो सकती है। कई सेक्टर में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।

2. डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होगा

फेड के इस फैसले से डॉलर को मजबूती मिलेगी जो रुपए को कमजोर कर सकता है। रूस-यूक्रेन संकट के कारण पहले ही रुपया 76 के करीब पहुंच चुका है। ऐसे में आगे अब और गिरावट रुपये में देखने को मिल सकती है।

3. सोने की कीमत में आएगी और गिरावट

फेड के फैसले से डॉलर की मजबूती सोने को कमजोर करेगी जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा। बीते पांच दिनों से सोने में लगातार बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। सोना 54 हजार से टूटकर 51 हजार प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच चुका है। आगे सोना फिर से 46 हजार के स्तर को छू सकता है।

4. बढ़ सकती है लोन की एमएआई 

फेड द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से आरबीआई (RBI) पर भी रेपो रेट (Repo Rate) में वृद्धि करने का दबाव बनेगा। फेड की ब्याज दरें बढ़ने पर अमेरिका और भारत के बॉन्ड के बीच अंतर कम हो जाएगा। इससे विदेशी निवेशक भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों से पैसा निकालने लगेंगे। विदेशी निवेशकों की इस बिकवाली को रोकने के लिए आरबीआई को भी दरों में वृद्धि करनी पड़ेगी। आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी से देश में सरकारी व निजी बैंक जमा और लोन पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगी। जिसका सीधा असर यह होगा कि सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगें। यानी लोन की ईएमआई बढ़ेगी।

5. विदेशी फंड जुटाना मुश्किल होगा

अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी धन की उपलब्धता और लागत पर असर पड़ेगा। वैश्विक निवेशक दुनिया भर की संपत्तियों में निवेश करने के लिए शून्य या कम ब्याज दरों वाली मुद्राओं में उधार लेते हैं। अब यह मुश्किल होगा। इससे कंपनियों के लिए एफडीआई से फंड जुटाना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।

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