US Dollar के मुकाबले रुपया मंगलवार को रुपया 15 पैसे टूट कर 79.60 के नए निचले स्तर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 79.55 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 79.53 के उच्चतम तथा 79.66 रुपये के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 15 पैसे की गिरावट के साथ 79.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह सोमवार को 79.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.48 प्रतिशत चढ़कर 108.54 अंक पर पहुंच गया। आइए, जानते हैं कि भारतीय रुपया कहां तक टूट सकता है।
कहां तक टूट सकता है रुपया?
बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, भारतीय रुपया साल के अंत तक 81 प्रति डॉलर तक टूट सकता है। इस साल अब तक भारतीय रुपया 9% से अधिक लुढ़क चुकी है। डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल कीमतों में तेजी ने रुपया को कमजोर करने का काम किया है। भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% कच्चा तेल आयात करता है। इससे रुपये पर दबाव बढ़ा है।
रुपये में कमजोरी का क्या होगा असर
भारत तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स आयात करता है। रुपया कमजोर होने के कारण इन वस्तुओं का आयात पर अधिक रकम चुकाना पड़ रहा है। इसके चलते भारतीय बाजार में इन वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। इसका भुगतान भी डॉलर में होता है और डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। इससे माल ढुलाई महंगी होगी, इसके असर से हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी।
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