Adani Group का यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट देख गदगद हुए अमेरिकी राजदूत, मुंबई जितना है आकार
Adani Group News : अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अडानी ग्रुप की खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना का विजिट किया है। यह प्रोजेक्ट 538 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसका आकार पेरिस से 5 गुना ज्यादा बड़ा है।
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी अडानी ग्रुप की खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना (Khavra Renewable Energy Project) देखने पहुंचे। यह दुनिया में सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना है। यह इस बात का संकेत है कि समूह हिंडनबर्ग के आरोपों से आगे निकल गया है और उसे पूरा समर्थन मिल रहा है। गार्सेटी ने 16 जुलाई को खावड़ा का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘गुजरात में खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना को देखने के बाद मुझे प्रेरणा मिली। मैंने भारत के शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने वाली अडानी ग्रीन की अनूठी परियोजनाओं के बारे में जाना और देखा। पर्यावरण अनुकूल विकास के लिहाज से ग्रीन एनर्जी महत्वपूर्ण है। साथ ही हमारी द्विपक्षीय साझेदारी क्षेत्र और दुनिया के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य के समाधान को आकार देने को लेकर महत्वपूर्ण है।’’
पेरिस से 5 गुना और मुंबई सिटी जितना बड़ा प्रोजेक्ट
अडानी ग्रीन एनर्जी लि. गुजरात के कच्छ के खावड़ा में बंजर भूमि पर 30,000 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है। 538 वर्ग किलोमीटर में निर्मित यह पेरिस के आकार से पांच गुना और लगभग मुंबई शहर जितनी बड़ी परियोजना है। कंपनी ने काम शुरू करने के 12 महीनों के भीतर 2,000 मेगावाट क्षमता चालू की है। 30,000 मेगावाट क्षमता की पूरी परियोजना के 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है।
गौतम अडानी ने किया ट्वीट
समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने ‘एक्स’ पर गार्सेटी के साथ एक तस्वीर डाली और इस यात्रा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा है, ‘‘खावड़ा में अडानी की 30 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना स्थल और मुंदड़ा बंदरगाह पर आने के लिए भारत में अमेरिकी राजदूत का अभारी हूं।’’ अमेरिकी राजदूत का अडानी समूह के परियोजना स्थल पर जाना और उसे सार्वजनिक करने के कदम को भारत के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में अमेरिकी सरकार के भरोसे के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका की ही हिंडनबर्ग ने लगाए थे आरोप
अमेरिकी निवेश और शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह पर धोखाधड़ी और कंपनियों के शेयरों में हेराफेरी के आरोप के लगभग डेढ़ साल बाद गार्सेटी का यह दौरा महत्वपूर्ण है। अडानी ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज करते हुए उसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। समूह की कंपनियां अब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से हुए नुकसान से बाहर आ गयी हैं।