बेमौसम की बारिश एक बार फिर किसानों के लिए काल बनकर आई है। फरवरी में ही भीषण गर्मी के चलते गेहूं की फसल खराब होने से चिंतित किसानों को मार्च की ये बारिश रुला रही है। इस बारिश से देश के उत्तरी राज्यों के किसानों को कितना नुकसान हुआ है उस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान आया है।
राज्यों का डेटा आना बाकी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि जो आरंभिक रिपोर्ट मिली हैं उसके मुताबिक हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि का गेहूं जैसी रबी की खड़ी फसलों पर बहुत अधिक असर नहीं हुआ है। तोमर ने कहा, ‘‘आरंभिक आकलन के मुताबिक रबी की फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि अभी हमें राज्य सरकारों से जमीनी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।’’
बारिश और आले के रूप में बरसी तबाही
गेहूं प्रमुख रबी फसल है और कुछ राज्यों में इसकी कटाई चल रही है। रबी की अन्य फसलों में हैं सरसों और चना। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीते तीन दिनों से देश के कई हिस्सों में बेसमौसम बारिश, ओला वृष्टि और तेज हवाएं चलीं। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि सरसों और चने की फसल को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए नहीं है क्योंकि ज्यादातर फसल की कटाई हो चुकी है। केला और आलू जैसी फसलें ओले गिरने से कुछ प्रभावित हुई होंगी।
सरकार ने दी कटाई रोकने की सलाह
सरकार का अनुमान है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रह सकता है। मौसम विज्ञान विभाग ने इस बीच झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल कटाई रोकने की सलाह दी है।
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