National Logistics Policy: घटेंगी कीमतें! केबिनेट ने दी लॉजिस्टिक्स पॉलिसी को मंजूरी, जानिए कैसे मिलेगा आपको फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को पेश करते कहा था कि हमें कारोबार की मौजूदा लॉजिस्टिक लागत को 13-14 प्रतिशत से घटाकर जल्द से जल्द उसे एक अंक यानी 10 प्रतिशत से नीचे लाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी दे दी है। सरकार की इस नीति से जहां वस्तुओं के परिवहन की लागत घटेगी, वहीं देश में वस्तुओं की बिना रुकावट आपूर्ति को सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने के उद्देश्य से पिछले सप्ताह शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का अनावरण किया था।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि हमारा लक्ष्य 2030 तक भारत को शीर्ष 25 देशों की सूची में पहुंचाना है। बयान में कहा गया कि नीति की निगरानी के लिये मौजूदा संस्थागत व्यवस्था यानी पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत गठित सचिवों का अधिकार प्राप्त समूह इसकी निगरानी करेगा। प्रक्रियाओं से जुड़े मानदंडों की निगरानी तथा लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में डिजिटल और नियामकीय सुधार के लिये सचिवों का अधिकार प्राप्त समूह ‘सेवा सुधार समूह’ का गठन करेगा।
परिवहन की लागत घटेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को पेश करते कहा था कि हमें कारोबार की मौजूदा लॉजिस्टिक लागत को 13-14 प्रतिशत से घटाकर जल्द से जल्द उसे एक अंक यानी 10 प्रतिशत से नीचे लाना चाहिए। इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि ग्लोबल लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्ट रैंकिंग (Global Logistics Performance Index Ranking) में साल 2030 तक भारत शीर्ष 25 देशों में शामिल हो जाए। फिलहाल लिस्ट के पिछले संस्करण में भारत 44वें स्थान पर था।
लॉजिस्टिक नीति का लक्ष्य:
- लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य लागतों में कटौती करना है, जो वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 14-15 प्रतिशत है। जिसमें वर्ष 2030 तक लगभग 8 प्रतिशत तक की कमी लाना है।
- अमेरिका, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और कुछ यूरोपीय देशों में लॉजिस्टिक्स लागत GDP अनुपात से कम है।
- वर्तमान लागत सकल घरेलू उत्पाद का 16% है।
- दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में शीर्ष 10 में शामिल होना है। भारत वर्ष 2018 में LPI में 44वें स्थान पर था।
- कुशल लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के लिये डेटा-संचालित निर्णय समर्थन प्रणाली बनाना।
- लॉजिस्टिक से जुड़ी समस्या को कम-से-कम किया जाए, निर्यात कई गुना बढ़े और छोटे उद्योगों एवं उनमें काम करने वाले लोगों को अधिक लाभ मिले।
14 राज्यों ने बनाई लॉजिस्टिक्स नीति
नीति के तहत गोदामों के संबंध में उचित विकास का रास्ता खोलने पर ध्यान दिया जायेगा। इसमें अधिकतम स्थान की योजना, मानकों को प्रोत्साहन, लॉजिस्टिक्स मूल्य श्रृंखला का डिजिटलीकरण व स्वचालन तथा बेहतर निगरानी प्रणाली शामिल है। बयान के अनुसार, 14 राज्यों ने अपनी-अपनी लॉजिस्टिक्स नीतियां बना ली हैं, जबकि 13 राज्यों में इसका मसौदा तैयार हो रहा है। जुझार लॉजिस्टिक्स के प्रबंध निदेशक अर्शदीप सिंह मुंडी ने नीति को लेकर कहा कि कुशल उपायों के एकीकरण के माध्यम से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या होता है लॉजिस्टिक
दरअसल भारत में दूर-दराज के गांव या शहरो में हर जगह ज़रूरी चीजें उपलब्ध नहीं होती हैं. खाने-पीने से लेकर डीज़ल-पेट्रोल, बड़े से लेकर छोटे सामान तक के लिए व्यापारियों को अपना माल, फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल, ज़रूरी ईंधन और तमाम तरह की चीजें एक जगह से दूसरी जगह ले जानी पड़ती हैं, कभी ये दूरी कम होती है तो कभी ये दूरी काफी लंबी होती है। इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम करता है जो चीजों को तय समय पर तय जगह पर पहुंचाता है। इसे ही माल ढुलाई कहते हैं।