नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट 2023-24 पेश कर रही हैं। यह बजट कई मायनों में खास है। आकड़ों के हिसाब से देखें तो यह मोदी सरकार 2.0 का आखिरी आम बजट है। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बतौर वित्त मंत्री का भी यह 5वां बजट है। सदन में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इस बजट को सप्तऋषि बजट बताया है। आइए जानते हैं क्या वित्त मंत्री ने इस बजट को सप्तऋषि क्यों बताया?
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने की चर्चा
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बजट के सात आधार बताये। उन्होंने कहा कि इस बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है। इसमें सबसे पहले समावेशी विकास, दूसरा वंचितों को वरीयता, तीसरा बुनियादी ढांचे और निवेश, चौथा क्षमता विस्तार, पांचवां हरित विकास, छठा युवा शक्ति और सातवां वित्तीय क्षेत्र। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस 'जनभागीदारी' के लिए 'सबका साथ, सबका प्रयास' अनिवार्य है।
यह अमृतकाल का पहला बजट - वित्त मंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ने के दौरान कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है और यह बजट देश के अंतिम व्यक्ति को फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत को माना है। वैश्विक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी चमक बिखेर रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है।
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