एक रुपये में समझिए बजट का पूरा गणित, सरकार 20 पैसे तो सिर्फ कर्ज चुकाने में ही कर देती है खर्च
Income and Expenditure: बजट के पेपर में सरकार की ओर से एक रुपये में केंद्र की कमाई का लेखा-जोखा बताया गया। सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा।
Income and Expenditure in one Rupee: देश की संसद में कल आम बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च और अलग-अलग सेक्टर से हो रही कमाई का ब्योरा दिया। उन्होंने सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में जनता को सूचित किया। वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र किस जगह पर कितना खर्च करेगी, इसके बारे में भी पूरी जानकारी दी। बजट के पेपर में सरकार की ओर से एक रुपये में केंद्र की कमाई का लेखा-जोखा बताया गया। सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा। इसके अलावा 34 पैसा कर्ज और अन्य करों से आएगा।
बजट में सरकार ने बताया लेखा जोखा
आम बजट 2023-24 के अनुसार, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से छह पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से दो पैसे मिलेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए आम बजट के अनुसार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सरकार की आमदनी में प्रति एक रुपये के मुकाबले 17 पैसे का योगदान होगा। इसके अलावा कॉरपोरेट कर से 15 पैसे मिलेंगे। सरकार हर रुपये में सात पैसे उत्पाद शुल्क से और चार पैसे सीमा शुल्क से हासिल करेगी। उसे आयकर से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार ऐसे करेगी पूरे बजट का बंटवारा
सरकार के खर्च की बात करें तो सबसे बड़ा हिस्सा लिए गए कर्ज पर ब्याज का है। सरकार प्रत्येक एक रुपये के खर्च में 20 पैसे ब्याज चुकाने के लिए खर्च करती है। इसके बाद टैक्सों और शुल्कों में राज्यों का 18 पैसे का हिस्सा है। रक्षा के लिए आवंटन आठ पैसे है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च 17 पैसे होगा, जबकि केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए नौ पैसे का आवंटन किया गया है। सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः नौ पैसे और चार पैसे खर्च होंगे।
आरबीआई की कैसे होती है कमाई?
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लाभांश 48,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई है। यह चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य से 17 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने मार्च में खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष में आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 40,953 लाख करोड़ लाभांश अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 73,948 करोड़ से बहुत कम है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने मई, 2022 में हुई अपनी बैठक के बाद सरकार के लिए 30,307 करोड़ रुपये के लाभांश भुगतान को मंजूरी दे दी थी। बजट दस्तावेज के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भी सरकारी उद्यमों और अन्य निवेशों से लाभांश 43,000 करोड़ रुपये आंका गया है। जबकि बजट अनुमान 40,000 करोड़ रुपये था। कुल लाभांश संग्रह अगले वित्त वर्ष में 1,15,820 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान में 1,08,592 करोड़ रुपये है।