सब कुछ ठीक रहा तो दुनिया के सबसे बड़े बाजार यानि यूरोप में भारतीय प्रोडक्ट की धूम मचा सकते हैं। भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर एक बहुत अच्छी खबर आ रही है। स्वीडन ने संकेत दिया है कि जल्द ही भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लग सकती है। दरअसल अगले कुछ सप्ताह में स्वीडन यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्षता संभालने जा रहा है।
स्वीडन ने शुक्रवार को कहा कि भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रूप देना उसकी प्राथमिकता होगी। यदि ऐसा हुआ तो भारतीय निर्यातकों को यूरोप में चीन की बादशाहत को खत्म करने में मदद मिलेगी। भारत के दौरे पर आए स्वीडन के विदेश व्यापार मंत्री योहान फॉर्सेल ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि उनका देश यूरोपीय संघ का अध्यक्ष रहते हुए भारत के साथ एफटीए को अंतिम रूप देने में ‘ईमानदार मध्यस्थ’ के तौर पर काम करेगा।
फॉर्सेल ने कहा, ‘‘भारत के साथ ईयू का मुक्त व्यापार समझौता सबके हित में होगा और इस पर बातचीत को संपन्न करने में स्वीडन पूरी कोशिश करेगा।’’ यूरोप के 27 देशों के संगठन यूरोपीय संघ की अध्यक्षता अगले कुछ हफ्तों में स्वीडन के पास आने वाली है। वह अगले एक साल तक इस समूह का प्रमुख रहेगा।
हालांकि, फॉर्सेल ने यह स्वीकार किया कि भारत एवं ईयू के बीच एफटीए को अंतिम रूप देने में कुछ अड़चनें बरकरार हैं। इस मसले पर उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसा समझौता चाहते हैं जो सबके हित में हो। स्वीडन के यूरोपीय संघ का अध्यक्ष रहने के दौरान हम इसपर काम करेंगे।’’ भारत के रूस से कच्चे तेल की खरीद करने के फैसले को उन्होंने घरेलू नीतियों का हिस्सा बताते हुए कहा कि प्रत्येक देश को अपने निर्णय खुद लेने चाहिए।
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