दुनिया की महाशक्ति ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस समय घुटनों पर है। बीते महीने ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के चलते इस्तीफा दे चुकी हैं। इस बीच अब बैंक ऑफ इंग्लैंड ने खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का इलाज शुरू कर दिया है।
30 वर्षों की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बृहस्पतिवार को अपनी प्रमुख ऋण दर को 0.75 प्रतिशत बढ़ाकर तीन प्रतिशत कर दिया। यह ब्रिटेन के इतिहास में पिछले 30 वर्षों की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है। यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण बेकाबू हुई महंगाई पर लगाम लगाने और पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस की विनाशकारी आर्थिक नीतियों के असर को कम करने के लिए यह बढ़ोतरी की गई।
40 साल के उच्च स्तर पर महंगाई
ब्रिटेन में उपभोक्ता मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी। ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप है, क्योंकि यह माना जा रहा था कि महंगाई को काबू में करने के लिए आक्रामक कदम उठाने की जरूरत है।
US Fed ने भी बढ़ाईं ब्याज दरें
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने आसमान छूती महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दर में एक बार फिर 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही ब्याज दर बढ़कर 3.75%-4% के दायरे में आ गई है। यह 14 साल यानी 2008 के बाद उच्चतम स्तर है। हालांकि, इसके बाद फेड ने ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी नहीं करने के संकेत दिए हैं। फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि महंगाई को कंट्रोल करना केंद्रीय बैंक का लक्ष्य है। इसमें सफला भी मिली है। अमेरिका में महंगाई 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया है आगे इतनी बढ़ोतरी नहीं होगी। महंगाई को काबू में लाने की आक्रामक नीति अब अंतिम दौर में है।
भारत और ब्रिटेन के बीच FTA जल्द
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जल्द सहमति बन सकती है। दोनों देशों में इस अहम मुद्द को लेकर लंबे समय से बात चल रही है। अब भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बाद यह उम्मीद बढ़ गई है कि यह समझौता जल्द हो सकता है। इसके संकेत ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले भी हैं। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक बैलेंस समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं
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