ब्रिटेन ने बड़ी उम्मीदों के साथ भारतीय मूल के ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठाया था। लेकिन सत्ता संभालने के कई महीनों के बाद भी सुनक की कोशिशें रंग लाती नहीं दिख रही हैं। ब्रिटेन में महंगाई बेकाबू हो चुकी है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में चार महीने में पहली बार फरवरी में मुद्रास्फीति की दर बढ़ी है। इस बेहताशा महंगाई से विश्लेषक भी हैरान हैं। लगातार पतली होती हालत के बीच गुरुवार को होने वाली केंद्रीय बैंक की बैठक में ब्याज दरों का बढ़ना तय माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की ओर से बुधवार को बताया गया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक फरवरी में बढ़कर 10.4 प्रतिशत पर पहुंच गया जो इससे पिछले महीने 10.1 प्रतिशत था। मुद्रास्फीति बैंक ऑफ इंग्लैंड के दो प्रतिशत के लक्ष्य से पांच गुना से भी अधिक बनी हुई है। हालांकि अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि साल के अंत तक कीमतों में तेज गिरावट आएगी।
बैंक दिसंबर 2021 से लगातार दस बार दरों में वृद्धि कर चुका है जो अब चार प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे बैंक ऑफ इंग्लैंड पर भी ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। बैंक बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक में इस बारे में कोई फैसला ले सकता है।
खाली हो रहे हैं सुपर मार्केट
पिछले महीने ब्रिटेन से कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई थीं। यूक्रेन युद्ध और ब्रेक्जिट ने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया है। ब्रिटेन में सामानों की आवक तेजी से घटी है। जिसके चलते वहां जरूरी सामान की किल्लत हो गई है। वहां सुपर स्टोर पर फलों और सब्जियों के खाली काउंटर देखे जा रहे हैं।
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