रेलवे किसी भी देश में परिवहन और कारोबार का प्रमुख जरिया होता है, ऐसे में यदि रेलवे की हड़ताल पर चली जाए तो हालात कितने पेचीदा हो सकते हैं, इसकी एक झलक इस हफ्ते ब्रिटेन में देखने को मिल सकती है। यहां रेल कर्मचारी वेतन और जॉब सिक्योरिटी की मांग को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं। इसकी वजह से इस हफ्ते दिन कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
इससे पहले कर्मचारी संगठनों और रेल कंपनियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। लेकिन आखिरी पलों की बातचीत नाकाम रही। जिसके चलते ब्रिटेन बीते कई दशकों की सबसे बड़ी रेल हड़ताल का सामना करने जा रहा है। इस हड़ताल में रेलवे के 40000 कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
इन तीन दिन बंद रहेंगी रेल सेवाएं
ब्रिटेन में रेल कर्मचारी यूनियनों ने 3 दिन रेल सेवाएं ठप रखने का फैसला किया है। हालांकि रेलवे का संचालन लगातार तीन दिन बंद नहीं रहेगा। इस हफ्ते मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को तीन दिनों के लिए रेलवे के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल पर जाने वालों में 40,000 सफाईकर्मी, सिग्नल, रखरखाव कर्मचारी और स्टेशन कर्मचारी शामिल हैं।
लंदन ट्यूब भी इसकी चपेट में
इस हड़ताल से देश भर में अधिकांश रेल नेटवर्क बंद होने की उम्मीद है। इसके साथ ही लंदन की अंडरग्राउंड मेट्रो सेवाएं भी मंगलवार को इसकी चपेट में आ सकती हैं। लंदन के आसपास के लाखों लोग इन अंडरग्राउंड मेट्रो सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में देश की राजधानी में तीन दिन अफरातफरी का माहौल देखने को मिल सकता है।
महंगाई के बीच नाम मात्र का इंक्रीमेंट
ब्रिटेन में महंगाई रिकॉर्ड तोड़ रही है, लेकिन रेलकंपनियां मामूली वेतन वृद्धि कर रही हैं। जिसके चलते कर्मचारियों में गुस्सा है। कर्मचारी संघ के महासचिव मिक लिंच ने कहा कि रेल कंपनियों ने महंगाई के मुकाबले बहुत कम वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखा था। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों से रेल कंपनियों ने वेतन बढ़ोतरी पर रोक भी लगाई हुई थी।
प्रधानमंत्री से मांगी मदद
इस बीच रेल कंपनियों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अगुआई वाली सरकार से इस मामले में दखल देने की गुहार लगाई है। लेकिन जॉनसन के प्रवक्ता मैक्स ब्लेन ने कहा कि सरकार के लिए इसमें शामिल होना 'मददगार' नहीं होगा। उन्होंने कहा, "आखिरी मिनट में खुद को इस मामले में शामिल करना ठीक नहीं होगा।"
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