नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब जल्द ही अस्पतालों में जन्मे नवजात शिशुओं को आधार कार्ड उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए अस्पतालों को आधार एनरोलमेंट की सुविधा दी जाएगी, जिसके जरिए वो हाथोहाथ नवजात शिशुओं का आधार कार्ड बना देंगे। यानी अब देश में बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट आने से पहले उसके पास आधार कार्ड होगा। फिलहाल अभी नवजात बच्चे को बर्थ सर्टिफिकेट मिलने में करीब 1 महीना का समय लग जाता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सौरभ गर्ग ने कहा कि 'नवजात शिशुओं को आधार नंबर देने के लिए यूआईडीएआई बर्थ रजिस्ट्रार के साथ टाईअप करने की कोशिश कर रहा है।' गर्ग ने कहा कि देश में अभी 99.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को आधार नंबर के दायरे में लाया जा चुका है। इसके तहत अब तक देश की 131 करोड़ आबादी को एनरोल किया गया है और अब हमारी कोशिश नवजात शिशुओं का नामांकन करने का है। गर्ग ने आगे कहा कि देश में हर साल 2 से ढाई करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं, हम उन्हें आधार में एनरोल करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के समय एक तस्वीर क्लिक करके आधार कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा।
डिटेल अपडेट करने पर फोकस
यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग ने बताया, 'हम पांच साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक्स नहीं लेते हैं, लेकिन इसे उसके माता-पिता में से किसी एक के साथ या तो माता या पिता के साथ लिंक करते हैं और 5 साल की उम्र पार करने के बाद बच्चे का बायोमेट्रिक्स लेंगे।'
पिछले साल लगाए थे 10 हजार कैंप
गर्ग ने आगे कहा कि हम अपनी पूरी आबादी को आधार नंबर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल हमने दूरदराज के इलाकों में 10 हजार कैंप लगाए थे, वहां हमें बताया गया था कि बहुत से लोगों के पास आधार नंबर नहीं है। इसके बाद करीब 30 लाख लोगों को आधार के लिए एनरोल किया गया था।
साल 2010 में आवंटित किया गया था पहला आधार नंबर
गर्ग ने आगे कहा, 'साल 2010 में पहला आधार नंबर आवंटित किया गया था। शुरुआत में हमारा ध्यान ज्यादा से ज्यादा लोगों का नामांकन करने पर था और अब हमारा ध्यान इसे अपडेट करने पर है। लगभग 10 करोड़ लोग हर साल अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर अपडेट करते हैं। 140 करोड़ बैंक खातों में से 120 करोड़ खातों को आधार से जोड़ा गया है।'
वोटर कार्ड से भी जुड़ेगा आधार संख्या
आने वाले समय में आधार कार्ड को वोटर कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। बीते बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसके बिल को मंजूरी दी गई है। इसका मकसद चुनाव में होने वाली फर्जी वोटिंग को रोकना है। सरकार ने चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर ही यह फैसला किया है। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से फर्जी वोटर कार्ड से होने वाली गड़बड़ी रोकी जा सकेगी। यूआईडीएआई आधार को मजबूत करने और इसे और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचैन और मशीन लर्निंग जैसी नई तकनीकों का भी उपयोग कर रहा है।
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