अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर से विदेश यात्रा करने वाले को ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। दरअसल, विदेश यात्रा पैकेज और उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) पर सात लाख रुपये से अधिक खर्च करने वालों के लिए स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की सबसे ऊंची 20 प्रतिशत की दर एक अक्टूबर से लागू होगी। वर्तमान में रिजर्व बैंक के एलआरएस के तहत विदेशों में हस्तांतरित धन पर सात लाख रुपये से अधिक की राशि पर पांच प्रतिशत टीसीएस लगता है। एक अक्टूबर से टीसीएस की दर 20 प्रतिशत हो जाएगी। इससे विदेश यात्रा पर खर्च का बोझ बढ़ेगा।
वर्तमान में पांच प्रतिशत टीसीएस
अभी एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के एलआरएस हस्तांतरण पर कोई टीसीएस नहीं लगता है। एक अक्टूबर से भी यह प्रावधान जारी रहेगा। वहीं विदेशी टूर पैकेज की खरीद पर वर्तमान में पांच प्रतिशत टीसीएस लगता है। एक अक्टूबर से सात लाख रुपये तक के ऐसे खर्च पर पांच प्रतिशत टीसीएस लगेगा। हालांकि, सात लाख रुपये से अधिक के खर्च पर टीसीएस दर 20 प्रतिशत से अधिक होगी। कोई करदाता संबंधित आकलन वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय भुगतान की गई टीसीएस राशि का क्रेडिट ले सकता है। चिकित्सकीय उपचार और शिक्षा प्रत्येक के लिए सात लाख रुपये से अधिक के वार्षिक खर्च पर पांच प्रतिशत का टीसीएस जारी रहेगा।
पढ़ाई करने वालो को जारी रहेगी राहत
विदेशी शिक्षा के लिए ऋण लेने वालों के लिए सात लाख रुपये की सीमा से ऊपर 0.5 प्रतिशत की कम टीसीएस दर लागू रहेगी। बजट 2023-24 में एक जुलाई से प्रभावी एलआरएस और विदेश यात्रा पैकेज पर टीसीएस दरों को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया था। वित्त मंत्रालय ने बाद में 28 जून को ऊंची दरों के कार्यान्वयन को एक अक्टूबर तक के लिए टालने की घोषणा की थी।
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