फर्जी कॉल करने वालों के खिलाफ टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) काफी सख्त नजर आ रहा है। ट्राई ने फर्जी कॉल करने वालों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत गुरुवार को कहा कि टेलीकॉम कंपनियां उन कंपनियों के टेलीकॉम संसाधनों को बंद कर देंगी, जो फर्जी कॉल करने के लिए बल्क कनेक्शन का गलत इस्तेमाल करेंगी। ट्राई ने ये भी कहा कि ऐसी कंपनियों को सभी ऑपरेटर दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट में डालेंगे।
बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई की जरूरत
ट्राई ने गलत प्रथाओं का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को एक कड़ा संदेश भेजते हुए कहा कि वॉयस कॉल/ रोबो कॉल/ प्री-रिकॉर्डेड कॉल के लिए 'पीआरआई/ एसआईपी कनेक्शन' का इस्तेमाल करने वालों पर बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने एक दिन पहले कहा था कि रेगुलेटर फर्जी कॉल को रोकने के लिए नियमों की समीक्षा करेगा और उन्हें मजबूत करेगा।
कई कंपनियों के अधिकारियों ने मीटिंग में लिया हिस्सा
ट्राई ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के रेगुलेटरी अधिकारियों के साथ एक अहम मीटिंग की। ट्राई प्रमुख की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में एयरटेल, बीएसएनएल, क्वाड्रेंट टेलीवेंचर्स लिमिटेड (क्यूटीएल), रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और वी-कॉन मोबाइल एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख रेगुलेटरी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इन दो कंपनियों के अधिकारी नहीं हो सके शामिल
एमटीएनएल और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के प्रतिनिधि मीटिंग में शामिल नहीं हो सके। ट्राई ने एक बयान में कहा कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ये निर्णय लिया गया कि अगर कोई कंपनी फर्जी कॉल करने के लिए अपनी एसआईपी/ पीआरआई (सेशन इनिशिएशन प्रोटोकॉल/ प्राइमरी रेट इंटरफेस) लाइनों का गलत इस्तेमाल करती है, तो कंपनी के सभी टेलीकॉम संसाधनों को उसके टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) द्वारा बंद कर दिया जाएगा और कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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