भारत-आसियान मुक्त व्यापार करार संयुक्त समिति के तहत आठ उप-समितियों का गठन किया गया है। इसका मकसद समझौते की समीक्षा को लेकर विभिन्न क्षेत्रों पर बातचीत करना है। भारत ने 16-19 फरवरी तक समीक्षा के लिए समिति की तीसरी बैठक की मेजबानी की है। आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) पर 2009 में हस्ताक्षर किये गये थे। दोनों पक्षों ने सितंबर, 2022 में समझौते को व्यापार के लिहाज से अधिक सुविधाजनक और पारस्परिक रूप से लाभदायक बनाने के लिए समीक्षा करने का काम एआईटीआईजीए संयुक्त समिति को सौंपा है।
गठित की गई हैं 8 उप-समितियां
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘समझौते से संबंधित विभिन्न नीतिगत क्षेत्रों पर बातचीत के लिए एआईटीआईजीए संयुक्त समिति के तहत कुल आठ उप-समितियां गठित की गई हैं।’’ संयुक्त समिति की पहली दो बैठकें पिछले साल मई और अगस्त में हुई थीं। मंत्रालय ने कहा कि बैठक में उप-समितियों ने संयुक्त समिति को बाजार पहुंच, उत्पत्ति और मानकों के नियमों, तकनीकी नियमों आदि से संबंधित अपनी चर्चाओं की प्रगति और परिणाम की सूचना दी।
131.58 अरब डॉलर हो गया व्यापार
भारत-10 देशों के समूह आसियान का व्यापार 2022-23 में बढ़कर 131.58 अरब डॉलर हो गया है। दोनों पक्षों का लक्ष्य 2025 में समीक्षा समाप्त करने का है। एआईटीआईजीए संयुक्त समिति की चौथी बैठक मई में मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित करने की योजना है। समझौते की समीक्षा भारतीय व्यवसायों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। भारत व्यापार समझौते की बाधाओं और दुरुपयोग को खत्म करने के उद्देश्य से समझौते की समीक्षा की मांग कर रहा है। आसियान देश ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम हैं।
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