महंगाई की जब दौड़ लगी है तो टमाटर क्यों पीछे रहने वाला था। बीते एक महीने में टमाटर की कीमतें सरपट भागते हुए 100 रुपये के पार भी निकल चुकी हैं। उत्तर भारत को छोड़ दें तो पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य भारत में टमाटर की कीमतें सुर्ख हो रही हैं। दक्षिण और मध्य भारत में कीमतें 77 रुपये के पार निकल चुकी हैं। हालांकि दिल्ली और पश्चिमी यूपी में कीमतें अभी भी 30 से 40 रुपये के बीच हैं।
77 प्रतिशत बढ़ी कीमतें
देश भर टमाटर का औसत खुदरा मूल्य एक महीने में 77 प्रतिशत बढ़ चुका है। फिलहाल टमाटर का औसत मूल्य 52.30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक महीने पहले की अवधि में 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम था। चार शहरों पोर्ट ब्लेयर, शिलांग, कोट्टायम, पठानमथिट्टा में टमाटर की खुदरा कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक चल रही थीं। बिहार के भागलपुर में तो कीमतें 11 रुपये से बढ़कर 1 जून को 88 रुपये तक पहुंच गईं। मिर्जापुर में दाम 21 से बढ़कर 51 रुपये और छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दाम 15 से बढ़कर 58 रुपये पहुंच गए हैं।
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टमाटर उत्पादक राज्यों में कीमतें आसमान पर
प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और विभिन्न शहरों में यह 50 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रही है। व्यापारियों और विशेषज्ञों ने खुदरा कीमतों में वृद्धि के लिए आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से आपूर्ति की संभावित कमी को जिम्मेदार ठहराया।
क्यों आई कीमतों में तेजी
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार टमाटर की संभावित कम आपूर्ति के कारण यह तेजी आई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में गर्मी के कारण टमाटर की फसल काफी खराब हुई है। जानकारों के मुताबिक झारखंड से जुलाई में नई फसल आने के बाद ही कीमतें कम होंगी
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