Vande Bharat : करोड़ों रेल यात्रियों को जल्द मिलेगी बड़ी खुशखबरी, घटने वाला है वंदेभारत का किराया!
वंदेभारत भले ही देश की सबसे लोकप्रिय ट्रेन है, लेकिन इसे यात्री नसीब नहीं हो पा रहे हैं। कई रूट पर इसे आधे ही यात्री मिल पाते हैं, ऐसे में रेलवे इसका किराया घटाने की तैयारी में है
अगर आप वंदे भारत जैसी भारत की सबसे तेज और अत्याधुनिक ट्रेन में सफर का सपना देख रहे हैं, लेकिन अधिक किराए के चलत हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। रेलवे कम दूरी वाली कुछ वंदेभारत ट्रेनों में सीटें खाली रहने की स्थिति को देखते हुए किराया कम करने के लिए टिकटों की कीमत की समीक्षा कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि छोटी दूरी पर यात्रियों को महंगे किराये से राहत मिल सकती है।
इन रूट पर घट सकते हैं किराए
सूत्रों के मुताबिक, अपेक्षाकृत छोटी दूरी वाली कुछ वंदेभारत ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर नहीं पा रही हैं। ऐसी स्थिति में रेलवे उनके किराये की समीक्षा कर किराये में कटौती करने की योजना बना रहा है। इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर और नागपुर-बिलासपुर जैसी वंदेभारत ट्रेनों के किराये की समीक्षा की जा रही है। इन सभी ट्रेनों में सीटें काफी हद तक खाली चल रही हैं।
इन रूट पर भी कम हैं यात्री
वंदेभारत ट्रेनों में सीटें लगभग भरी होती हैं लेकिन कुछ ट्रेनों में ऐसी स्थिति नहीं है। ऐसी ही एक ट्रेन नागपुर-बिलासपुर वंदेभारत ट्रेन भी है जिसकी 55 प्रतिशत सीटें ही भरी रहती हैं। करीब साढ़े पांच घंटे के सफर वाली इस ट्रेन को लेकर आम धारणा यही है कि किराया कम करने से इसे यात्रियों के लिए आकर्षक बनाया जा सकता है। इसी तरह जून में भोपाल-जबलपुर वंदेभारत एक्सप्रेस की सिर्फ 32 प्रतिशत सीटें भरी हुई थीं। करीब 4.5 घंटे लंबा सफर तय करने वाली इस ट्रेन का एसी चेयर कार का किराया 1055 रुपये है जबकि एक्जीक्यूटिव चेयर कार के टिकट की कीमत 1880 रुपये रखी गई है।
बड़ी संख्या में खाली रह जाती हैं सीटें
भोपाल-इंदौर वंदेभारत ट्रेन में केवल 29 प्रतिशत सीटें भरी हुई थीं जबकि इंदौर-भोपाल ट्रेन में 21 प्रतिशत सीट आरक्षित थीं। करीब तीन घंटे का सफर तय करने वाली इस ट्रेन में एसी चेयर कार का किराया 950 रुपये है जबकि एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1525 रुपये रखा गया है। सूत्रों ने कहा कि भोपाल-इंदौर वंदेभारत ट्रेन में खाली सीटों की बड़ी संख्या को देखते हुए इसके किराये में अच्छी-खासी कटौती की जा सकती है।
यात्रियों की संख्या बढ़ाने की कोशिश
देश की सबसे आधुनिक एवं तेज रफ्तार वाली वंदेभारत ट्रेनों का सबसे लंबा सफर करीब 10 घंटे का है जबकि सबसे छोटा सफर तीन घंटे का है। इनमें से कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रहने की समस्या दूर करने के लिए किराये की समीक्षा की जा रही है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ’इसके पीछे सोच यह है कि सभी वंदेभारत ट्रेन में यात्रियों को सुविधाजनक सफर का मौका मिले। हमने हालात की समीक्षा की है और हमारी राय है कि कुछ वंदेभारत ट्रेन, खासकर कम दूरी वाली, का किराया अगर घटा दिया जाता है तो वह ज्यादा अच्छा कर पाएंगी। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग इन ट्रेनों में सफर करें।’
इस रूट पर सबसे ज्यादा बुकिंग
वंदे भारत को सभी रूट पर यात्रियों की किल्लत नहीं है। कुछ रूट ऐसे भी हैं जहां यात्रियों की भरमार है। अभी तक देश के 24 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में वंदेभारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इनमें से कासरगोड-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस में 183 प्रतिशत बुकिंग रहती है और यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वंदेभारत ट्रेन है। गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल, वाराणसी-नयी दिल्ली, देहरादून-अमृतसर और मुंबई-शोलापुर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेनों में भी 100 प्रतिशत से अधिक बुकिंग रहती है।