देश में कई ऐसे मामले आते रहते हैं जिसमें कर्ज लेने वाला व्यक्ति जाबूझकर अपना लोन नहीं चुकाता है। इसी समस्या बचने के लिए बैंकों एक नया रास्ता निकालने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें बैंक लोन फ्रॉड करने वालों की अतिरिक्त जानकारी एनईएसएल को देंगे। इसके जरिए बैंकों की कोशिश है कि लोन फ्रॉड के मामलों में कमी लाए और ऐसा करने वाले लोगों पर लगाम कसी जा सके।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऐसे लोन अकाउंट के बारे में इंफॉर्मेशन यूटिलिटी सर्विसेज को अतिरिक्त जानकारी मुहैया कराएगी, जिन्हें फ्रॉड माना जा चुका है। बता दें, एईएसएल के डाटा के मुताबिक, देश में 10 से लेकर 100 करोड़ रुपये के लोन में डिफॉल्ट सबसे अधिक है।
रिपोर्ट में आगे अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) और नेशनल ई-गर्वनेंस सर्विसेज लिमिटेड (NeSL) ऐसे रिपोर्टिंग सिस्टम में सुधार करने को लेकर कार्य कर रहे हैं। इसकी मदद से जानबूझकर कर्ज न लौटाने वाले लोगों को फास्ट ट्रैक तरीके से डिफॉल्ट घोषित किया जा सके।
सभी बैंक देंगे जानकारी
बता दें, एक सीनियर बैंक एक्जीक्यूटिव की ओर से बताया गया कि नए फॉर्मेट के तहत सभी बैंक एईएसएल को लोन फ्रॉड से जुड़ी जानकारी देंगे। साथ ही उन्होंन कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और जल्दी से कार्रवाई शुरू हो सकेगी।
बैंककरप्सी कोड में प्रस्तावित संशोधनों में से एक यह है कि निर्णायक प्राधिकरण यानी एए, डिफॉल्ट के समय आईयूएस के पास मौजूद डिफॉल्ट डेटा पर निर्भर करेगा और ये एक फ्रूफ होगा कि डिफॉल्ट हुआ है।
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