भारत के लिए ये साल काफी खास रहा है। देश ने कई सेक्टर्स में विकास किया है। कोयला, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश के आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 5.4 प्रतिशत बढ़ गया है जबकि एक साल पहले इसकी वृद्धि 3.2 प्रतिशत रही थी।
इनमें आई गिरावट
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादन में गिरावट आई। इसके पहले अक्टूबर महीने में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 0.9 प्रतिशत रही थी।
आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आठ प्रतिशत रही है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 13.9 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, कोयला उत्पादन में सालाना आधार पर इस साल नवंबर में 12.3 प्रतिशत, उर्वरक में 6.4 प्रतिशत, इस्पात 10.8 प्रतिशत, सीमेंट 28.6 प्रतिशत और बिजली में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है। इससे इसका असर औद्योगिक उत्पादन पर भी दिखेगा।
जनवरी 2023 में जारी होंगे आंकड़ें
सरकार नवंबर महीने का आईआईपी आंकड़ा जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह में जारी कर सकती है। इस बारे में रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों में वृद्धि का असर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक पर दिखेगा और इसमें तीन से चार प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। हालांकि इंडिया रेंटिग्स ने कहा कि बुनियादी उद्योगों का पुनरुद्धार व्यापक नहीं है क्योंकि रिफाइनरी उत्पाद, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का प्रदर्शन अभी भी कमजोर बना हुआ है। उसने कहा, ‘‘हालांकि आठ बुनियादी उद्योगों में नवंबर में सालाना आधार पर वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन वृद्धि को मदद मिलेगी।
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