गर्मी में बिजली कटौती आम समस्या हो जाती है। इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने की आशंका जताई गई है। इसको देखते हुए सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने इस बार लंबे समय तक गर्मी रहने के अनुमान के कारण बिजली की मांग में वृद्धि को देखते हुए गैस आधारित सभी बिजली उत्पादन स्टेशनों को एक मई से 30 जून तक अपने संयंत्रों को चालू रखने का निर्देश दिया है। गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों (जीबीएस) के एक बड़े हिस्से का वर्तमान में, मुख्यतः व्यावसायिक कारणों से प्रयोग नहीं हो रहा है।
260 गीगावाट अधिकतम बिजली मांग का अनुमान
मंत्रालय ने इस गर्मी (अप्रैल से जून 2024) में 260 गीगावाट अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया है। पिछले साल सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह आदेश एक मई, 2024 से 30 जून, 2024 तक बिजली उत्पादन और आपूर्ति के लिए वैध रहेगा।
अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करें
बयान के अनुसार, “गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों से अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत सभी गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों को निर्देश जारी किए हैं। इनके तहत सरकार के निर्देश पर एक उत्पादन कंपनी असाधारण परिस्थितियों में किसी भी उत्पादन स्टेशन का संचालन और रखरखाव कर सकती है।”
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