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Hindi News पैसा बिज़नेस वेडिंग इंडस्ट्री से बरसेगा पैसा, आने वाले वर्षों में होगी 68 करोड़ लोगों की शादी, कारोबार की हैं अपार संभावनाएं

वेडिंग इंडस्ट्री से बरसेगा पैसा, आने वाले वर्षों में होगी 68 करोड़ लोगों की शादी, कारोबार की हैं अपार संभावनाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कहा था कि देश को 'मेड इन इंडिया' की तर्ज पर 'वेड इन इंडिया' जैसे आंदोलन की जरूरत है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि भारतीय शादियों की भव्यता के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग्स के बढ़ते चलन से पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।

वेडिंग इंडस्ट्री- India TV Paisa Image Source : FILE वेडिंग इंडस्ट्री

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत में शादी-विवाह से संबंधित उद्योग में व्यापक संभावनाएं हैं और यह आर्थिक वृद्धि को तेजी देने वाला एक प्रमुख चालक बनने के लिए तैयार है। शेखावत उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की तरफ से आयोजित पहले 'विवाह पर्यटन शिखर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी' का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उम्र के हिसाब से भारत की लगभग 54 प्रतिशत जनसंख्या 30 वर्ष से कम आयु की है। इसके अलावा भारत में परिवारों की आय का एक बड़ा हिस्सा शादियों पर खर्च किया जाता है।

68 करोड़ लोग अगले कुछ वर्षों में करेंगे शादी

उद्योग मंडल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री ने कहा, "अगर हम 25 वर्ष और उससे कम आयु वाली आबादी पर विचार करें, तो देश में लगभग 68 करोड़ लोग अगले कुछ वर्षों में शादी करने के लायक होंगे। इस तरह विवाह उद्योग के लिए अपार संभावनाएं पैदा होती हैं।" उन्होंने कहा कि विवाह उद्योग देश की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण चालक बनने के लिए तैयार है।

'वेड इन इंडिया' आंदोलन

उन्होंने कहा, "यदि हम पर्यटन को विवाह उद्योग के साथ जोड़ते हैं और मौजूदा बुनियादी ढांचे का लाभ उठाते हैं, तो हम इस क्षेत्र की वृद्धि को कई गुना बढ़ा सकते हैं।" पर्यटन का विकास मिशन मोड में करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया था जिसमें भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख विवाह स्थल के रूप में प्रदर्शित करना था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कहा था कि देश को 'मेड इन इंडिया' की तर्ज पर 'वेड इन इंडिया' जैसे आंदोलन की जरूरत है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि भारतीय शादियों की भव्यता के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग्स के बढ़ते चलन से पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जैन ने कहा, "वैश्विक विवाह उद्योग का मूल्य 300 अरब डॉलर है, जिसमें अकेले भारत का बाजार 50 अरब डॉलर का है और यह सालाना 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।"

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