A
Hindi News पैसा बिज़नेस रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार हुई धीमी, पर सकारात्मक दायरे में अभी भी कायम

रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार हुई धीमी, पर सकारात्मक दायरे में अभी भी कायम

सलाहकार कंपनी ने कहा कि धारणा में नरमी मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य तथा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आई है।

Real estate sector - India TV Paisa Image Source : FILE रियल एस्टेट सेक्टर

वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता से रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार धीमी हुई है। हालांकि, अभी भी यह सकारात्मक दायरे में काम कर रहा है। नाइट फ्रैंक-नरेडको रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर परिदृश्य के बीच चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र का धारणा सूचकांक नीचे आ गया है। रियल एस्टेट क्षेत्र के भविष्य के धारणा सूचकांक में मामूली सुधार हुआ है। यह सूचकांक अगले छह महीने के परिदृश्य के बारे में बताता है। रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक और रियल एस्टेट कंपनियों के निकाय नारेडको ने अपनी ‘रियल एस्टेट धारणा सूचकांक तिमाही चार-2022 (अक्टूबर-दिसंबर-2022) रिपोर्ट जारी की है। 

61 से घटकर इंडेक्स 59 पर आ गया 

रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा धारणा स्कोर तीसरी तिमाही के 61 से घटकर चौथी तिमाही में 59 पर आ गया है। यह धारणा सूचकांक आपूर्ति पक्ष के हितधारकों मसलन डेवलपर्स, निवेशक और वित्तीय संस्थानों के सर्वे पर आधारित है। 50 से ऊपर का स्कोर का मतलब सकारात्मक धारणा से है। जबकि 50 से कम का स्कोर नकारात्मक धारणा को दर्शाता है। सलाहकार कंपनी ने कहा कि धारणा में नरमी मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य तथा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट उद्योग के निरंतर जुझारू क्षमता दिखाने से ‘भविष्य का धारणा स्कोर’ 2022 की तीसरी तिमाही के 57 से बढ़कर चौथी तिमाही में 58 हो गया है। 

भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती कायम 

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति की अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति और मजबूत घरेलू मांग से भारत एक अनिश्चित वैश्विक माहौल में बेहतर प्रदर्शन करने वाला देश रहा है। नॉन-डेवलपर (इस खंड में बैंक, वित्तीय संस्थान, पीई फंड शामिल हैं) फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर आशावादी क्षेत्र में रहते हुए Q3 2022 में 60 से घटकर Q4 2022 में 55 हो गया। प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का मंडराता खतरा और उच्च ब्याज दर शासन निवेश के माहौल को प्रभावित कर सकता है और भारतीय व्यवसायों के लिए फंडरेसिंग चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

Latest Business News