देश में रियल एस्टेट क्षेत्र में इस साल जनवरी-सितंबर में जमीन के सौदों में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन महीनों के बीच कुल 1,700 एकड़ जमीन के 100 से अधिक सौदे हुए। रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 कैलेंडर वर्ष की इसी अवधि में करीब 60 भूमि सौदे हुए थे, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 1,200 एकड़ था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सीबीआरई के मुताबिक, भारत में जनवरी-सितंबर, 2024 में लैंड डील की मात्रा सालाना आधार पर 65 प्रतिशत बढ़कर करीब 1,700 एकड़ तक पहुंच गई।
छह प्रमुख शहरों का रहा दबदबा
खबर के मुताबिक, भूमि सौदों में छह प्रमुख भारतीय शहरों दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे का दबदबा रहा। सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि अलग-अलग एसेट कैटेगरी में भूमि सौदों की बढ़ी हुई गतिविधियां मजबूत निवेशक भावना और भारतीय रियल एस्टेट बाजार की उभरती गतिशीलता को दर्शाती है।
निवेशकों का मजबूत भरोसा
मैगजीन ने कहा कि जैसा कि हम आवासीय और कार्यालय सहित स्थापित क्षेत्रों और डेटा सेंटर जैसी उभरती कैटेगरी में मजबूत वृद्धि देख रहे हैं, यह दर्शाता है कि निवेशक भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र की दीर्घकालिक क्षमता में तेजी को लेकर आश्वस्त हो रहे हैं। मैगजीन ने कहा कि यह आशावाद भारत को रियल एस्टेट निवेश के लिए एक रणनीतिक बाजार के रूप में स्थापित करता है। सीबीआरई इंडिया के पूंजी बाजार और भूमि प्रबंध निदेशक गौरव कुमार ने कहा कि इस वर्ष भूमि सौदों में उल्लेखनीय वृद्धि भारत की रियल एस्टेट क्षमता में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाती है।
कुमार ने कहा कि विभिन्न बाजारों में मजबूत मांग और अनुकूल आर्थिक स्थितियों ने वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। हमें उम्मीद है कि यह गति जारी रहेगी, जो रणनीतिक निवेश से प्रेरित है और जो बाजार की स्थिरता तथा दीर्घकालिक वृद्धि के अवसरों को रेखांकित करता है।
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