टमाटर की खुदरा कीमतें अब काफी हद तक काबू में आ चुकी हैं। खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें 25 रुपये से 50 रुपये के बीच चल रही हैं। इसी बीच सरकार ने टमाटर की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए सप्लाई चेन और प्रोसेसिंग लेवल में सुधार के लिए आयोजित 'हैकाथॉन' के तहत टमाटर से वाइन बनाने सहित 28 नए विचारों का चयन और फाइनेंस किया है। इस फाइनेंसिंग से इन स्टार्टअप को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
पिछले साल जून में शुरू किया गया था 'टमाटर ग्रैंड चैलेंज हैकाथॉन'
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने शुक्रवार को कहा कि टमाटर मूल्य श्रृंखला के अलग-अलग स्तरों पर नए विचारों को आमंत्रित करने के लिए पिछले साल जून में 'टमाटर ग्रैंड चैलेंज (टीजीसी) हैकाथॉन' शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि इस पहल का मकसद उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर टमाटर की उपलब्धता सुनिश्चित करना और टमाटर किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना था। टीजीसी को उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शिक्षा मंत्रालय (नवाचार प्रकोष्ठ) के सहयोग से तैयार किया था। खरे ने कहा, ''टमाटर की कीमतों में बहुत उतार-चढ़ाव आता है। अत्यधिक बारिश, गर्मी और कीटों के हमले के कारण कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी होती है।''
साल में कम से कम 2-3 बार कीमतों में होती है 100% तक की बढ़ोतरी
निधि खरे ने कहा कि साल में कम से कम 2-3 बार अचानक कीमतों में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है। कभी-कभी कीमतों में भारी गिरावट आती है, जिससे किसानों की आय प्रभावित होती है। खरे ने कहा कि सप्लाई चेन को मजबूत करने, कटाई से पहले और बाद में होने वाले नुकसान को कम करने और प्रोसेसिंग लेवल को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि कीमतों में स्थिरता लाई जा सके। भारत में सालाना दो करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है। खरे ने कहा, ''हमें 1376 विचार मिले और उनमें से 423 को पहले चरण में चुना गया और अंत में 28 विचारों को फाइनेंस किया गया।''
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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