A
Hindi News पैसा बिज़नेस Home-Car लोन की EMI घटने की आ गई फाइनल डेट, जानें कब आपको मिलेगी राहत

Home-Car लोन की EMI घटने की आ गई फाइनल डेट, जानें कब आपको मिलेगी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा हुआ है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो सरकार द्वारा आरबीआई के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक है।

Home Loan - India TV Paisa Image Source : FILE होम लोन

Home-Car लोन की EMI घटने का इंतजार लाखों लोग लंबे समय से कर रहे हैं। दो साल से RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती नहीं होने से लोन की ईएमआई नहीं घटी है लेकिन अब एक अच्छी खबर आ गई है। बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा सिक्योरिटीज) और जेपी मॉर्गन ने कहा कि फरवरी की मॉनिटरी पॉलिसी में लोन सस्ता होने की पूरी उम्मीद है। जेपी मॉर्गन का मनना है कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 50 आधार अंकों की कटौती की है। इससे सीआरआर घटकर 4% पर आ गया है। इससे साफ हो गया है​ कि फरवरी की पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में कटौती करेगा। कटौती की एक और वजह होगी महंगाई में कमी। उम्मीद है कि फरवरी तक महंगाई घटेगी और यह रेपो रेट में कटौती का मौका देगा। 

कितनी हो सकती है कटौती 

जानकारों का कहना है कि फरवरी की पॉलिसी में रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती हो सकती है। इसके बाद बैंक होम लोन, कार लोन समेत तमाम तरह के लोन सस्ते होंगे। अगर महंगाई में गिरावट जारी रहती है तो आगे की पॉलिसी में और कटौती देखने को मिल सकता है। हालांकि, इसका बुरा असर एफडी की ब्याज पर जरूर होगा। बैंक एफडी की दर में कटौती करेंगे। इसलिए यह वक्त एफडी कराने वाले के लिए बहुत अच्छा है। अब एफडी कराने के लिए इंतजार करना सही नहीं है। 

सरकार की ओर से दबाव 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए और वृद्धि को गति देनी चाहिए। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) से राजनेता बने गोयल ने कहा था कि खाद्य मुद्रास्फीति के कारण आरबीआई दर निर्धारण में दो साल तक कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाया है। ब्याज दर तय करने में खाद्य मुद्रास्फीति का उपयोग एक ‘दोषपूर्ण सिद्धांत’ है। गोयल ने कहा था कि मेरा मानना ​​है कि उन्हें ब्याज दर में कटौती करनी चाहिए। वृद्धि को और बढ़ावा देने की जरूरत है। हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं, हम और भी बेहतर कर सकते हैं। इससे माना जा रहा है कि रेपो रेट कटने का दबाव सरकार की ओर से है। 

Latest Business News