आने वाले समय में आपको लैपटॉप, कंप्यूटर खरीदने के लिए अधिक कीमत नहीं चुकाना होगा। दरअसल, सरकार ने आज साफ कर दिया है कि भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और सरकार सिर्फ उनकी खेप की निगरानी करेगी। इससे कारोबारियों का डर खत्म हो गया है। आपको बता दें कि अगस्त महीने में लैपटॉप, कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस लेने की खबर आई थी। उसके बाद लैपटॉप, कंप्यूटर की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। कई मॉडल बाजार में नहीं मिल रहे थे लेकिन अब यह डर खत्म हो गया है। इससे न सिर्फ कीमत नहीं बढ़ेगी बल्कि आसानी से सारे प्रोडक्ट भी मिलेंगे।
सरकार अब सिर्फ निगरानी करेगी
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लैपटॉप, कंप्यूटर के आयात के लिए कोई लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। हम केवल यह कह रहे हैं कि लैपटॉप का आयात करने पर उनकी कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि हम इन आयातों पर नजर रख सकें। उन्होंने कहा, 'हम वास्तव में निगरानी कर रहे हैं। इसका प्रतिबंधों से कोई लेना-देना नहीं है। इस बारे में विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि आयात प्रबंधन प्रणाली एक नवंबर से लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम प्रगति पर है और उम्मीद है कि यह 30 अक्टूबर से पहले हो जाएगा।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर
सरकार ने घरेलू विनिर्माण यानी मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के लिए अगस्त में लैपटॉप, कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था। इस अधिसूचना के बाद आईटी हार्डवेयर उद्योग ने चिंता जताई थी। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना और इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर सीमा शुल्क बढ़ाना शामिल है। भारत हर साल लगभग 7-8 अरब डॉलर मूल्य के इन सामानों का आयात करता है।
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