नयी दिल्ली। रोजमर्रा के इ्स्तेमाल वाले उत्पादों के वितरकों ने कोलगेट के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद कंपनी के कुछ उत्पादों के बहिष्कार के फैसले को वापस ले लिया है। वितरकों का कहना है कि मुंह की देखभाल संबंधी उत्पाद बनाने वाली कंपनी पारंपरिक कारोबार और बी2बी (कंपनियों के बीच) कारोबार के बीच वितरण का अलग रवैया अपना रही हैं।
अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक महासंघ (एआईसीपीडीएफ) ने कोलगेट-पामोलिव इंडिया लिमिटेड (सीपीआईएल) के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बैठक के बाद कंपनी के कुछ उत्पादों के बहिष्कार को वापस लेने का निर्णय किया है। एआईसीपीडीएफ ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, "आज से कोलगेट के खिलाफ आंदोलन अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।"
इस बीच महासंघ ने कहा है कि अगले तीन महीने तक कोलगेट के वितरक इस मुद्दे को लेकर बाजार पर कड़ी नजर रखेंगे और यदि स्थिति में बदलाव नहीं होता है तो फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
वही कोलगेट-पामोलिव ने बुधवार को इस मुद्दे पर वितरकों के साथ बैठक करने की पुष्टि की थी। कंपनी ने कहा था कि कि उसने एआईसीपीडीएफ से मुलाकात की है और वितरकों के साथ अपने काम करने की प्रक्रिया साझा की है।
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