टेलीकॉम कंपनियां 5G की तैयारी में लगी रही, इधर IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने 6G को लेकर खेल कर दिया
IT Minister Ashwini Vaishnav: 2014 से लेकर 2023 तक यानि कि पिछले नौ वर्षों में भारत टेलीकॉम सेक्टर में एक लीडर के तौर पर सामने आया है। आगे यह स्पीड बरकरार रहने की उम्मीद है।
Telecom Sector: भारत में जब से केंद्र सरकार ने 5G लॉन्च किया है, सभी टेलीकॉम कंपनियां देश के हर कोने में इस सर्विस को फैलाने में जुट गई हैं। अभी पूर्ण रूप से देश में यह सुविधा फैली भी नहीं, तब तक दूरसंचार और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने 6G को लेकर पड़ी जानकारी दे दी है। यह सूचना आने वाल समय में देश में शुरू होने वाली 6G सर्विस पर एक बड़ा असर करेगी। उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत को वर्ष 2030 तक वैश्विक 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए। वैष्णव ने ‘भारत 6जी’ गठजोड़ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का निर्यातक बन चुका है और इसके पास पहले से ही 6जी टेक्नोलॉजी से जुड़े करीब 200 पेटेंट हो चुके हैं। हमें वर्ष 2029 या 2030 तक 6जी पेटेंट के मामले में भारत की हिस्सेदारी को न्यूनतम 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।
भारत बन रहा लीडर
भारत ने पहली बार 5जी टेक्नोलॉजी के विकास कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के निकाय अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने भारत को 6जी ढांचे में भी शामिल किया है। इस दिशा में जारी प्रयासों को गति देने के लिए ‘भारत 6जी’ गठजोड़ का मंच तैयार किया गया है। वैष्णव ने कहा कि यह गठजोड़ देश में कार्यरत अधिक संस्थानों और कंपनियों को 6जी टेक्नोलॉजी के लिए अधिक पेटेंट आवेदन करने के लिए मिलकर काम करने को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि पहले दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाना एक चुनौती होती थी लेकिन वर्ष 2014 से लेकर 2023 के पिछले नौ वर्षों में यह बढ़कर 24 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है। टेक्नोलॉजी का आयात करने वाला भारत अब इसका निर्यातक बन चुका है। अब कई देश भारत में दूरसंचार उपकरणों का आयात करना चाह रहे हैं।
जल्द ही होगा शिलान्यास
वैष्णव ने कहा कि भारत के दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं ने अमेरिका को निर्यात करना शुरू भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन साल में भारत में पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित पहली चिप भी बनकर आ जानी चाहिए। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन के गुजरात में प्रस्तावित चिप संयंत्र का शिलान्यास अगले 40-45 दिन में होने की उम्मीद है। उन्होंने करीब डेढ़ साल में इस संयंत्र से पहले चिप के आने उम्मीद जताई है।
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