Tax Rules on Gold: धनतेरस और दिवाली पर खरीदेंगे सोना तो पहले जान लें कितना देना होगा टैक्स?
हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण इसमें निवेश करना एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। अगर आप भी धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो टैक्स के नियम जरूर जान लें।
धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना भारत में एक पुरानी परंपरा है। सोना नारी के श्रृंगार में चार चांद तो लगाता ही है, इसके अलावा ये बुरे समय में बहुत काम भी आता है। सोना को भारत में संकट का साथी और दूसरा इंश्योरेंस भी कहा जाता है। इसलिए सोने के प्रति लोगों में खासा लगाव है। अगर आप भी इस धनतेरस और दिवाली सोने की ज्वैलरी या सिक्के खरीदने की योजना बना रहे हैं तो पहले जान लें कि कितना टैक्स चुकाना होगा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सोने के आभूषण खरीदते और बेचते दोनों वक्त टैक्स लगता है।
सोने की ज्वैलरी पर टैक्स के नियम
सोने पर लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) देना होता है। बजट 2024 ने सोने पर LTCG को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया है। इसलिए अगर आप दो साल तक सोने को रखने के बाद उसे बेचते हैं, तो लाभ पर 12.5% LTCG टैक्स देना होगा। हालांकि, बजट 2024 ने सोने के निवेश पर इंडेक्सेशन को हटा दिया है। इसलिए अब आपको LTCG पर लागू होने वाले इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेंगे। बजट 2024 के बाद भौतिक सोने के लिए, STCG के लिए होल्डिंग अवधि तीन साल से घटाकर दो साल कर दी गई है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड पर टैक्स
बजट 2024 के बाद कैपिटल गेन टैक्स नियम में बदलाव किया गया। नए नियम के मुताबिक, नए नियम में शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के लिए होल्डिंग अवधि कम हो जाएगी, लेकिन टैक्स की दर नहीं बदलेगी। 1 अप्रैल, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच खरीदे गए गोल्ड म्यूचुअल फंड की यूनिट्स के लिए, होल्डिंग अवधि की परवाह किए बिना, लाभ को कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा और इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।
गोल्ड ETF
अगर आप गोल्ड ETF खरीदते हैं, तो लाभ को टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा और लागू स्लैब दरों (होल्डिंग अवधि के बावजूद) पर टैक्स लगाया जाएगा। याद रखें कि अगर आप 31 मार्च, 2025 के बाद गोल्ड ETF खरीदते हैं और 12 महीने बाद बेचते हैं, तो इंडेक्सेशन लाभ के बिना लाभ पर 12.5% कर टैक्स देना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
जब आप मैच्योरिटी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) बेचते हैं तो कोई एसटीसीजी या एलटीसीजी नहीं लगता है। बजट 2024 के बाद इस नियम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर बॉन्ड तीन साल के भीतर बेचे गए थे, तो लाभ को कर योग्य आय में जोड़ा गया और लागू आयकर स्लैब दरों पर कर लगाया गया।
सोने के जेवर बेचते वक्त
सोने के जेवर बेचते वक्त लगने वाले टैक्स का आधार यह होता है कि आपने कितने समय तक उसे अपने पास रखा। इसे बेचते वक्त टैक्स शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस या लॉन्ट टर्म कैपिटल गेंस के आधार पर लगाया जाता है।
गिफ्ट में मिले सोने पर टैक्स
लोग धनतेरस या दिवाली पर अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और करीबियों को सोना या गहने गिफ्ट करते हैं। अगर आपको परिवार या रिश्तेदारों से गिफ्ट में सोना मिल रहा है, तो आप इस पर इनकम टैक्स से छूट पा सकते हैं। वहीं अगर किसी अन्य व्यक्ति से 50,000 रुपये से अधिक वैल्यू का सोना गिफ्ट पाते हैं तो टैक्स देना होगा। यह इनकम टैक्सेबल होगी क्योंकि इसे अन्य सोर्स से होने वाली इनकम माना जाएगा।