नमक-चायपत्ती के बाद अब पानी भी बेचेगी Tata, इस दिग्गज कंपनी को जल्द खरीदेगी
बिसलेरी की वेबसाइट के अनुसार, बोतलबंद पानी के कारोबार में कंपनी की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। मौजूदा समय में बिसलेरी के 122 से अधिक चालू प्लांट हैं।
Tata ग्रुप जल्द ही बोतलबंद पानी भी बेचेगी। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, टाटा ग्रुप देश की नामी बोलबंद पानी बेचने वाली कंपनी बिसलेरी का अधिग्रहण करने जा रही है। टाटा ग्रुप अपने सहयोगी कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के तहत बिसलेरी इंटरनेशनल को 6,000-7,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। इस डील के तहत बिसलेरी का मौजूदा प्रबंधन दो साल तक कंपनी के कामकाज को देखेगा।
कई कंपनियों से बात चल रही: रमेश चौहान
जानेमाने उद्योगपति रमेश चौहान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के कारोबार ‘बिसलेरी इंटरनेशनल’ के लिए खरीदार की तलाश में हैं और इस बारे में उनकी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड समेत कई कंपनियों से बात चल रही है। भारत में बोतलबंद पानी के कारोबार के अगुआ 82 वर्षीय उद्योगपति ने इस बात से इनकार किया कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के साथ 7,000 करोड़ रुपये में सौदा हो चुका है। चौहान से पूछा गया था कि क्या वह बिसलेरी का कारोबार बेचने वाले हैं। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, हम बेच रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि समूह की कई संभावित खरीदारों से बात चल रही है। उनसे पूछा गया कि क्या वह टाटा समूह की कंपनी को कारोबार बेच रहे हैं, इस पर चौहान ने कहा, ‘‘यह सही नहीं है। अभी हमारी बात चल रही है।’’
बिसलेरी को इस कारण बेच रहे
बिसलेरी कारोबार को बेचने के पीछे क्या कारण हैं, जब यह पूछा गया तो चौहान ने कहा कि किसी को तो इसे संभालना होगा। दरअसल उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी कारोबार को संभालने में नहीं है। बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने बाद में मीडिया में एक बयान में कहा, ‘‘अभी हमारी बात चल रही है, इससे अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।’’ चौहान ने तीन दशक पहले अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था। उन्होंने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड 1993 में कंपनी को बेच दिए थे। चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद ‘बिसलेरी पॉप’ को उतनी सफलता नहीं मिली।
बोतलबंद पानी में 60 फीसदी बाजार हिस्सेदारी
बिसलेरी की वेबसाइट के अनुसार, बोतलबंद पानी के कारोबार में कंपनी की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। मौजूदा समय में बिसलेरी के 122 से अधिक चालू प्लांट हैं। साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन के लिए भारत में 5,000 ट्रकों के साथ 4,500 से अधिक इसका डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क है। मिनरल वाटर के अलावा बिसलेरी इंटरनेशनल प्रीमियम हिमालयन स्प्रिंग वॉटर भी बेचता है। बता दें कि देश में बोतलबंद पानी का बाजार 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। टाटा के साथ डील होने पर टाटा ग्रुप को एंट्री-लेवल, मिड-सेगमेंट और प्रीमियम पैकेज्ड वॉटर कैटेगरी में हो जाएगी। इसस टाट कंज्यूमर को बहुत बड़ा मार्केट आसानी से मिल जाएगा।
एक दवा कंपनी से हुई थी शुरुआत
आज बोतलबंद पानी बेचने वाली बिसलेरी कंपनी की शुरुआत एक दवा कंपनी के तौर पर हुई थी जो मलेरिया की दवा बेचती थी। इसके संस्थापक इटली के बिजनेसमैन Felice Bisleri थे। उनकी मौत के बाद उनके फैमिली डॉक्टर रॉसी ने बिसलेरी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाई। भारत में डॉक्टर रॉसी ने वकील खुशरू संतकू के साथ मिलकर बिसलेरी लॉन्च की। 1969 में बिसलेरी वाटर प्लांट शुरू होने के ठीक 4 साल बाद रमेश चौहान ने बिसलेरी को महज 4 लाख रुपए में खरीद लिया। तब से इसक कंपनी का मालिकाना हक रमेश चौहान के पास है। रमेश चौहान 82 वर्ष के हो गए हैं। उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी इस बिजनेस में नहीं है। इसलिए वो इस कारोबार को अब बेचना चाह रहे हैं।