TATA ग्रुप ने बदली सांप-बिच्छुओं से घिरी इस फैक्ट्री की तस्वीर, अब कमाएं 3,000 करोड़
टाटा स्टील द्वारा निर्धारित 90 दिन की समय सीमा के भीतर इकाई के पुनरुद्धार पर किए गए एक सवाल पर कहा कि फैक्ट्री का परिसर 2,500 एकड़ में फैला है। यह लंबे समय से बंद था। जब हमने अधिग्रहण के बाद पहली बार इकाई में प्रवेश किया तो परिसर में सांप, बिच्छू तथा छिपकलियां रेंग रही थीं। पूरे परिसर में कई फुट तक झाड़ियां उग आई थीं।
कभी सांप-बिच्छुओं से घिरी फैक्ट्री ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। टाटा ग्रुप द्वारा इस फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के बाद इसमें आमूलचूल बदलाव आया है। एनआईएनएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुधीर कुमार ने फैक्ट्री यूनिट को 90 दिन की समय-सीमा के भीतर फिर से चालू करने में आईं चुनौतियों को याद करते हुए बताया कि उस समय परिसर में सांप और बिच्छू रेंग रहे थे। आसपास की जमीन पर झाड़ियां थीं और संयंत्र की मशीनों पर जंग लग गया था। मेहता ने बताया कि कंपनी कर्ज में थी। हालांकि अब उसकी वित्तीय स्थिति बेहतर है और अप्रैल-सितंबर या चालू वित्त 2023-24 वर्ष की पहली छमाही में उसने करीब 3,000 करोड़ रुपये का रेवन्यू कमाया है।
पिछले साल टाटा ग्रुप ने अधिग्रहण किया था
टाटा स्टील ने चार जुलाई 2022 को ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) का अधिग्रहण पूरा कर लिया। मेहता ने टाटा स्टील द्वारा निर्धारित 90 दिन की समय सीमा के भीतर इकाई के पुनरुद्धार पर किए गए एक सवाल पर कहा कि एनआईएनएल परिसर 2,500 एकड़ में फैला है। यह लंबे समय से बंद था। जब हमने अधिग्रहण के बाद पहली बार इकाई में प्रवेश किया तो परिसर में सांप, बिच्छू तथा छिपकलियां रेंग रही थीं। पूरे परिसर में कई फुट तक झाड़ियां उग आई थीं। संयंत्र की मशीनों पर जंग लग गया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद एक विस्तृत योजना तैयार कर पूरे क्षेत्र को साफ किया गया, कार्यालयों तथा इमारतों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण किया गया और संयंत्र को बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए ‘ब्रॉडबैंड लाइन’ बिछाई गईं। मेहता ने कहा कि अगस्त में सभी कर्मचारियों को अधिग्रहण समझौते के तहत उनका पूरा वेतन दिया गया। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से करीब 120 किलोमीटर दूर कलिंगनगर स्थित एनआईएनएल की इकाई धन की कमी सहित विभिन्न कारणों से तीन साल से अधिक समय तक बंद रही।
10 लाख टन इस्पात उत्पादन की क्षमता
इकाई में सालाना 10 लाख टन (एमटीपीए) इस्पात का उत्पादन करने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कलिंगनगर, जमशेदपुर और मेरामंडली में टाटा स्टील संयंत्रों के प्रौद्योगिकी तथा यांत्रिक विशेषज्ञों ने एनआईएनएल ब्लास्ट फर्नेस को फिर से शुरू करने के लिए बिना रुके काम किया। 11 अक्टूबर 2022 को यह शुरू हो गया। दीपावली के दिन 24 अक्टूबर को दो सप्ताह के भीतर ‘बिलेट’ की पहली खेप तैयार की गई। मेहता ने कहा कि एक नए मकसद तथा गर्व के साथ इस तरह से दीपावली मनाना एनआईएनएल परिवार के लिए महत्वपूर्ण दिन था। उन्होंने कहा कि संयंत्र को एक बार फिर से चालू होता देख सभी की आंखें नम हो गईं थीं। टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक टी.वी.नरेंद्रन ने कहा, ‘‘ टाटा स्टील के दल और एनआईएनएल के पूर्व कर्मचारियों ने करीब तीन वर्षों से बंद पड़े संयंत्र को फिर से शुरू करने के लिए मिलकर काम किया। अब हम पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। यह उनके जुनून, प्रतिबद्धता तथा क्षमता का ही प्रमाण है। एनआईएनएल और बेहतर होने तथा टाटा स्टील समूह के बड़े उत्पाद खंड का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार है।’’
1400 कर्मचारियों को फैक्ट्री में मिली नौकरी
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (लॉन्ग प्रोडक्ट) आशीष अनुपम ने कहा कि इसके अलावा संयंत्र को लक्षित समय के भीतर चालू करने में कई चुनौतियां का सामना करना पड़ा लेकिन सभी ने मिलकर काम करते हुए इसे मुमकिन बनाया। अनुपम ने कहा, ‘‘ हमने एनआईएनएल के करीब 1,400 कर्मचारियों का उनके काम करने के अलग-अलग दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्वागत किया। हमने उनकी ताकत और अलग-अलग कौशल को सीखने और एक साथ बढ़ने के अवसर के रूप में देखा।’’ उन्होंने कहा कि अभी तक 12,100 करोड़ रुपये के अलावा शुरुआती पूंजी के रूप में 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें ऋण, विक्रेता भुगतान तथा कर्मचारियों के वेतन और शेयर हिस्सेदारी की खरीद सहित सभी देनदारियों का भुगतान शामिल है।