दूरसंचार क्षेत्र में इस साल इंटरनेट उपयोग और शुल्क दरें बढ़ाकर आय बढ़ाने के साथ-साथ 5जी सेवाओं का जोर रहेगा। यह साल क्षेत्र की तीसरी महत्वपूर्ण कंपनी के तौर पर वोडाफोन-आइडिया के लिए भी निर्णायक साबित होगा। प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी सीएलएसए ने दूरसंचार क्षेत्र पर अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। उसने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रति उपभोक्ता औसत आय (एआरपीयू) महंगाई को समायोजित करने के बाद अभी भी रिलायंस-जियो के आने से पहले की आय से 17 प्रतिशत नीचे है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ऐसे में हम वित्त वर्ष 2025 तक भारती एयरटेल से 236 रुपये के प्रति उपभोक्ता औसत आय के लिए शुल्क दरें बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। जबकि भारती का 300 रुपये प्रति उपभोक्ता औसत आय प्राप्त करने लक्ष्य है। सीएलएसए की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारतीय मोबाइल फोन बाजार में तीन रुझान देखने को मिलेंगे। इनमें 5जी सेवाओं का क्रियान्वयन शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, ''वास्तव में हम कई चीजों का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें अपेक्षित रूप से शुल्क दरों में वृद्धि और रिलायंस जियो का आईपीओ महत्वपपूर्ण हैं।''
निजी कंपनियां भी अनुमति मिलने पर 5जी परिचालकों की उद्यम सेवाएं लेकर लाभ उठा सकती हैं। देश के मोबाइल बाजार के राजस्व में 2022 में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में भी शुल्क दरें, इंटरनेट उपयोग बढ़ने के साथ राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इसके साथ क्षेत्र का राजस्व 2024-25 तक संचयी रूप से 14 प्रतिशत बढ़कर 2,84,600 करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है।’’
सीएलएसए का अनुमान है कि भारतीय एयरटेल शुल्क दरें बढ़ा सकती है, जिसके बाद वीआईएल (वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) और जियो के भी ऐसा करने की संभावना है। धन जुटाने में देरी और सरकार को हिस्सेदारी देने का मामला लंबित होने से वोडाफोन आइडिया का का वित्तीय संकट टला नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, वीआईएल की हिस्सेदारी कम होने के साथ भारती और जियो की बाजार हिस्सेदारी 77 प्रतिशत है और आगे भी दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है।
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