नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच घरों की बिक्री ने 8.5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यानी देश में घरों की मांग तेजी से बढ़ी है। घरों की मांग बढ़ाने में सस्ते होम लोन की अहम भूमिका है। देश के अधिकांश बैंक 6.7% से लेकर 7.25% की दर पर होम लोन दे रहे हैं। अगर, आप भी सस्ते होम लोन का फायदा उठाकर अपने सपने के आशियाना को खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह माकूल वक्त है। हालांकि, होम लोन लेने का फैसला किसी बैंक या एनबीएफसी से सिर्फ सस्ते ब्याज को देखते हुए नहीं करें। लोन की शर्तों को जरूर पढ़ें और फिर फैसला करें। आइए, हम आपको बताते हैं कि होम लोन लेने से पहले किन शर्तों को समझना जरूरी है।
प्रोसेसिंग फीस किसी भी बैंक या एनबीएफसी से होम लोन लेन से पहले प्रोसेसिंग फीस पता करें। यह पता करें कि बैंक आपको लोन देने की एवज में कितना प्रोसेसिंग फीस वूसल रहा है। बैंकइसमें KYC वेरीफिकेशन, वित्तीय मूल्यांकन, रोजगार सत्यापन, घर और ऑफिस के पते का वेरीफिकेशन, क्रेडिट हिस्ट्री का मूल्यांकन आदि के लिए एक तय प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। प्रोसेसिंग फीस लोन की रकम का 0.50% से लेकर अधिकतम 20 हजार रुपये तक होता है। वहीं, कई बैंक प्रोसेसिंग शुल्क तो लेते ही हैं, संपत्ति की कानूनी और तकनीकी जांच के नाम पर भी शुल्क वसूल लेते हैं। हो सकता है कि आप जिसके पास कर्ज लेने गए हों, उसने प्रोसेसिंग शुल्क माफ करने की बात आपसे कही हो। मगर उसके बाद भी दूसरे शुल्क वह वसूल सकता है। बेहतर है कि कर्ज की बात करते समय उससे इस बारे में बात कर लें।
मार्जिन मनी
बैंक से लोन लेने में, जितनी रकम के लिए आपने आवेदन किया है, उसका कुछ प्रतिशत, पहले आपको खुद ही अपनी जेब से बैंक में जमा करना पडता है। इसे margin money कहते हैं। मार्जिन मनी के अलावा बाकी रकम, बैंक आपको लोन के रूप में जारी करता है। बोलचाल की भाषा में इसे डाउन पेमेंट भी कहते हैं जो आपको लोन पाने के पहले एकमुश्त बैंक को चुकाना पडता है। बैंक से लोन लेने से पहले पता कर लें कि आपको प्रॉपर्टी की कीमत का कितना मार्जिन मनी के तौर पर देना होगा। कई बैंक 90% तक रकम लोन में देते हैं तो आपको मार्जिन मनी सिर्फ 10% देना होगा।
इंश्योरेंस शुल्क
बैंक प्रॉपर्टी को किसी भी नुकसान जैसे आग से बचाव के लिए होम इंश्योरेंस करवाते हैं। बैंक लोन लेने वालों को लोन सुरक्षा जीवन बीमा पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि किसी अनहोनी की सूरत में उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को बकाया लोन के बारे में परेशान न होना पड़े। इसलिए, अगर आप होम लोन के साथ एक बीमा पॉलिसी लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपको बीमा प्रीमियम का पेमेंट करना होगा। इसका बोझ अलग से वहन करना होता है।
लॉग-इन फीस
होम लोन का आवेदन चार्ज के रूप में लॉग-इन फीस लिया जाता है। यह लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए बैंक या कंपनी द्वारा लिया जाने वाला एक शुरुआती चार्ज है। इस स्तर पर लोन देने वाला यह आंकलन करता है कि आवेदन में आगे की प्रक्रिया के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ सभी सटीक जानकारी है या नहीं।
इन बातों पर भी गौर करें
होम लोन लेने से पहले बैंक से भुगातन की अवधि, ब्याज दर, ईएमआई, लेट फीस और होम लोन का पार्ट प्री पेमेंट जैसे अहम बातों को लेकर जानकारी ले लें। इससे आपको बाद में परेशान नहीं होना होगा।
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