ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी को शेयरधारकों ने उसके आईपीओ के आकार यानी साइज को बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है। बीते 3 अक्टूबर को आयोजित असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के आकार को 3,750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने के लिए शेयरधारकों ने यह मंजूरी दी है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कंपनी ने बड़े आईपीओ के लिए प्रोविजन बनाया है। इससे आगे और फंडिंग की जरूरत होने पर अतिरिक्त 1,250 करोड़ रुपये की अनुमति मिल सकती है। बिक्री के लिए प्रस्ताव (ओएफएस) घटक 6,664 करोड़ रुपये पर अपरिवर्तित बना हुआ है।
प्रत्याशित बड़े सार्वजनिक बाजार पदार्पण
इससे पहले भी बीते महीने इस बात को लेकर संकेत मिल रहे थे कि स्विगी अपने आईपीओ साइज को बढ़ाने की तैयारी में है। बेंगलुरु स्थित कंपनी के आईपीओ आकार को अगर और बढ़ाया जाता है तो इसकी साइज संभावित रूप से 10,414 करोड़ रुपये ($1.25 बिलियन) या 11,664 करोड़ रुपये ($1.4 बिलियन) तक पहुंच सकता है।
कंपनी की तरफ ये फैसला तब लिया गया है जब स्विगी को दूसरे प्रॉफिटेबल नई जेनरेशन की कंपनियों से कॉम्पिटीशन करना पड़ रहा है। ऐसी कंपनियों में- ज़ोमैटो, ज़ोमैटो के स्वामित्व वाली ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और टाटा बिगबास्केट आदि हैं।
साल के आखिर में आएगा आईपीओ!
खबर के मुताबिक, स्विगी इस साल के आखिर में अपने आईपीओ की तैयारी कर रही है और कई महीनों से पब्लिक मार्केट में आने की तैयारी कर रही है। वित्त वर्ष 2024 में, स्विगी का राजस्व 36% बढ़ा, जो वित्त वर्ष 23 में 8,265 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 11,247 करोड़ रुपये हो गया। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इसी अवधि के दौरान, स्विगी का घाटा 44% घटकर 4,179 करोड़ रुपये से 2,350 करोड़ रुपये हो गया। इसके उलट, गुरुग्राम स्थित जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपये का राजस्व और 351 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
Latest Business News