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Hindi News पैसा बिज़नेस Swiggy ने डिलीवरी के लिए वसूले 103 रुपये, कोर्ट ने ठोक दिया 344 गुना जुर्माना

Swiggy ने डिलीवरी के लिए वसूले 103 रुपये, कोर्ट ने ठोक दिया 344 गुना जुर्माना

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा।

अब सुरेश बाबू को कुल 35,453 रुपये देगा स्विगी- India TV Paisa Image Source : REUTERS अब सुरेश बाबू को कुल 35,453 रुपये देगा स्विगी

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। दरअसल, स्विगी ने सुरेश बाबू नाम के एक ग्राहक से खाना डिलीवर करने के लिए 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज वसूला था, जिसके बाद शिकायत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्विगी पर 103 रुपये के डिलीवरी चार्ज का करीब 344 गुना यानी 35,453 रुपये का जुर्माना लगा दिया।

सुरेश बाबू ने पिछले साल स्विगी से ऑर्डर किया था खाना

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।

अब सुरेश बाबू को कुल 35,453 रुपये देगा स्विगी

कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है। कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे। 

आदेश का पालन करने के लिए मिला 45 दिनों का समय

इतना ही नहीं, कोर्ट ने स्विगी को रंगा रेड्डी जिला आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में दंडात्मक हर्जाने के रूप में 25,000 रुपए जमा करने होंगे। कोर्ट ने स्विगी को आदेश का पालन करने के लिए 45 दिनों का समय दिया है।

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