A
Hindi News पैसा बिज़नेस Supertech के नोएडा स्थित 40 मंजिला ट्विन टावर 14 दिन में होंगे जमींदोज, Supreme Court का आदेश

Supertech के नोएडा स्थित 40 मंजिला ट्विन टावर 14 दिन में होंगे जमींदोज, Supreme Court का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि, इस बैठक में सभी संबंधित एजेंसियां मौजूद रहें, ताकि जल्द से जल्द नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो 40 मंजिला टावरों को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्त किया जा सके।

<p>supertech</p>- India TV Paisa Image Source : FILE supertech

Highlights

  • 40 मंजिला ट्विन टावर 14 दिन में होंगे जमींदोज
  • नोएडा के CEO को 72 घंटे का समय दिया सुप्रीम कोर्ट ने
  • ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है

नई दिल्ली। रियल एस्टेट बिल्डर सुपरटेक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त रूप अपनाते हुए उसके नोएडा स्थि​त 40 मंजिला ट्विन टावर को 14 दिन के अंदर गिराने का आदेश दिया। कोर्ट ने नोएडा में एमराल्ड कोर्ट में बने दोनों टावरों को गिराने और तोड़फोड़ करने की टाइमलाइन तैयार करने के लिए नोएडा के CEO को 72 घंटे का समय दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस दौरान सभी विभागों के अफसरों के साथ मीटिंग कर प्लान को फाइनल करे। 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि, इस बैठक में सभी संबंधित एजेंसियां मौजूद रहें, ताकि जल्द से जल्द नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो 40 मंजिला टावरों को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्त किया जा सके। कोर्ट ने कहा, नोएडा के सीईओ अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। इसके साथ ही सुपरटेक उन घर खरीदारों के लिए रिफंड प्रक्रिया शुरू करेगा जिनके फ्लैटों को तोड़ा जाएगा। सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि घर खरीदारों से खाता विवरण मांगा है और मंगलवार सुबह से पैसे ट्रांसफर करना शुरू करेंगे। 

तीन महीने का वक्त दिया था 

इससे पहले अगस्त 2021 को सुपरटेक एमेराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर एपेक्स और सेयान को तीन महीने में गिराने के आदेश दिया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस चंद्रचूड ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है। इस मामले में सीधे-सीधे बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया गया। नोएडा अथॉरिटी ने लोगों से प्लान शेयर भी नहीं किया। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट का टावरों को गिराने का फैसला बिल्कुल सही था। 

Latest Business News