A
Hindi News पैसा बिज़नेस Sun Pharma ने स्किन प्रॉब्लम से जुड़ी ये दवा भारत में पेश की, इस ब्रांड नेम से बिकेगी

Sun Pharma ने स्किन प्रॉब्लम से जुड़ी ये दवा भारत में पेश की, इस ब्रांड नेम से बिकेगी

दवा निर्माता ने कहा कि स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) छह दिनों के लिए दिन में एक बार मौखिक उपचार है, जबकि वर्तमान मानक देखभाल के अनुसार इसे 10-14 दिनों के लिए दिन में दो बार दिया जाना चाहिए।

 सन फार्मा ने भारत में टेडिज़ोलिड फॉस्फेट के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण के लिए एमएसडी से अधिकार - India TV Paisa Image Source : REUTERS सन फार्मा ने भारत में टेडिज़ोलिड फॉस्फेट के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण के लिए एमएसडी से अधिकार प्राप्त किए हैं।

दवा बनाने वाली अग्रणी कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शुक्रवार को भारत में  स्टारिजो (STARIZO) ब्रांड नाम से टेडिज़ोलिड फॉस्फेट टैबलेट 200 मिलीग्राम लॉन्च किया। इसकी घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि स्टारिजो (टेडिज़ोलिड फॉस्फेट) एक नया, ऑक्साज़ोलिडिनोन-क्लास जीवाणुरोधी है, जिसका उपयोग तीव्र जीवाणु त्वचा और त्वचा संरचना संक्रमण (एबीएसएसएसआई) के इलाज के लिए किया जाता है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सन फार्मा ने भारत में टेडिज़ोलिड फॉस्फेट के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण के लिए एमएसडी से अधिकार प्राप्त किए हैं।

स्टारिजो प्रभावी दवा है

खबर के मुताबिक, एबीएसएसएसआई की वजह बनने वाले मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) जैसे दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का इलाज करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण है, ऐसा इसलिए क्योंकि अस्पतालों में प्रभावी इलाज विकल्पों की सीमित उपलब्धता है। कंपनी का कहना है कि स्टारिजो के साथ, हम एक ऐसा इलाज विकल्प पेश कर रहे हैं जो प्रभावी है। इसमें दिन में एक बार खुराक लेने की सुविधा है। सन फार्मा के सीईओ – इंडिया बिजनेस कीर्ति गनोरकर ने कहा कि सन फार्मा में, हमारी हमेशा से यह कोशिश रही है कि हम ऐसी नई दवाइयां पेश करें जो रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करें।

एबीएसएसएसआई का इलाज और भी जटिल

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, त्वचा और कोमल ऊतक संक्रमण सबसे आम संक्रमण हैं, जो भारत में 2018-2019 में सभी संक्रमणों का लगभग 29-32% हिस्सा हैं। इन रोगियों में मधुमेह, मोटापा, गुर्दे और यकृत की शिथिलता जैसी बीमारियों के साथ एबीएसएसएसआई का इलाज और भी जटिल है। पिछले दशकों में आक्रामक एस. ऑरियस संक्रमण की घटनाओं में वृद्धि हुई है और यह खराब नतीजों और उच्च मृत्यु दर से जुड़ा है। एस. ऑरियस लगभग एक-तिहाई एबीएसएसएसआई के लिए जिम्मेदार है, जिसमें एमआरएसए का बड़ा हिस्सा है। भारत में एमआरएसए की दरें हर साल 2016 में 28.4% से बढ़कर 2021 में 42.6% (एस. ऑरियस संक्रमण) हो रही हैं।

दिन में एक बार मौखिक उपचार

कंपनी नेकहा कि एबीएसएसएसआईएस का कारण बनने वाले एमआरएसए जैसे दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का इलाज करना अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं की सीमित उपलब्धता है। दवा निर्माता ने कहा कि स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) छह दिनों के लिए दिन में एक बार मौखिक उपचार है, जबकि वर्तमान मानक देखभाल के अनुसार इसे 10-14 दिनों के लिए दिन में दो बार दिया जाना चाहिए। स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) को बुजुर्गों, यकृत या गुर्दे की दुर्बलता वाले रोगियों और हेमोडायलिसिस पर रोगियों में खुराक समायोजन की जरूरत नहीं होती है। टेडिजोलिड फॉस्फेट भारत में मर्क शार्प एंड डोमे सिंगापुर ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ लाइसेंसिंग समझौते के तहत बेचा जाता है।

Latest Business News