भारत का चीनी निर्यात अक्टूबर से फरवरी के बीच ढाई गुना होकर 47 लाख टन पर
इस्मा के आंकड़ों के अनुसार, अधिक गन्ना उत्पादन और बेहतर उपज के कारण इस साल अक्टूबर, 2021 से 15 मार्च, 2022 के बीच चीनी उत्पादन नौ प्रतिशत बढ़कर 283.26 लाख टन हो गया।
नयी दिल्ली। ऊंचे उत्पादन और वैश्विक बाजार की बेहतर मांग के कारण अक्टूबर, 2021 और फरवरी, 2022 के बीच चीनी निर्यात 2.5 गुना होकर 47 लाख टन पर पहुंच गया। उद्योग मंडल इस्मा ने यह जानकारी दी है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। एक साल पहले की समान अवधि में चीनी का निर्यात 17.75 लाख टन हुआ था। इस्मा के आंकड़ों के अनुसार, अधिक गन्ना उत्पादन और बेहतर उपज के कारण इस साल अक्टूबर, 2021 से 15 मार्च, 2022 के बीच चीनी उत्पादन नौ प्रतिशत बढ़कर 283.26 लाख टन हो गया।
इस्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘15 मार्च, 2022 तक 283.26 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि पिछले साल 15 मार्च, 2021 तक 259.37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था।’’ 15 मार्च, 2022 तक, 81 मिलों ने पेराई बंद कर दी है और देश में 435 चीनी मिलें अभी भी पेराई कर रही हैं। महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 94.5 लाख टन से बढ़कर 108.95 लाख टन हो गया। उत्तर प्रदेश में यह 84.25 लाख टन से घटकर 78.33 लाख टन रह गया।
कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 41.95 लाख टन से बढ़कर 54.65 लाख टन हो गया। एथनॉल के मोर्चे पर, कुल 416.33 करोड़ लीटर एलओआई (आशय पत्र) की मात्रा के मुकाबले 13 मार्च, 2022 तक 113.17 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई है। अबतक की कुल आपूर्ति में से लगभग 86 प्रतिशत गन्ने का शीरा / बी भारी शीरे से बना एथनॉल शामिल है। ओएमसी (तेल विपणन कंपनियों) द्वारा जारी लगभग 416 करोड़ लीटर के एलओआई की तुलना में मिलों ने अब तक 391.85 करोड़ लीटर की आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। इस्मा ने कहा, ‘‘दिसंबर, 2021 से मार्च के मध्य तक देश ने औसतन 9.45 प्रतिशत का सम्मिश्रण प्रतिशत का स्तर हासिल किया है।’’
रिपोर्टों के अनुसार, अब तक लगभग 64-65 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया गया है। इस्मा ने कहा, ‘‘चालू चीनी वर्ष में फरवरी, 2022 के अंत तक भारत से लगभग 47 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान लगभग 17.75 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था।’’ इस्मा ने अनुमान लगाया है कि चीनी उद्योग 2021-22 के विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 75 लाख टन चीनी का निर्यात करने में सफल रहेगा। 272 लाख टन की अनुमानित घरेलू खपत और 333 लाख टन के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए इस्मा ने कहा कि 75 लाख टन के निर्यात से 30 सितंबर, 2022 तक चीनी के बचे स्टॉक को 68 लाख टन तक कम करने में मदद मिलेगी।