देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 670 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। तीन सप्ताह में इसमें 18 अरब डॉलर से ज्यादा की वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े में बताया गया है कि 19 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर उछलकर 670.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो इसका ऐतिहासिक उच्चतम स्तर है। विदेश मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक फॉरेन करेंसी एसेट्स में 2.58 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 588.05 अरब डॉलर पर रहा।
सोने का भंडार भी बढ़ा
सोने का भंडार बढ़ाने की रिजर्व बैंक की जारी कोशिशों के बीच देश का स्वर्ण भंडार 1.33 अरब डॉलर बढ़ा और 59.99 अरब डॉलर दर्ज किया गया। एसडीआर 9.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर रहा। जबकि, आईएमएफ के पास आरक्षित निधि 4.61 अरब डॉलर पर स्थिर रही। इससे पहले 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 9.7 अरब डॉलर की जबरदस्त वृद्धि हुई थी। 5 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.16 अरब डॉलर बढ़ा था।
लगातार तीन सप्ताह से वृद्धि
इस प्रकार तीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा का देश का भंडार 18.86 अरब डॉलर बढ़ चुका है। विदेशी मुद्रा भंडार देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण संकेतक है। आरबीआई से पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा होने से जरूरत पड़ने पर वह रुपये का समर्थन दे सकता है। साथ ही विदेशी कर्ज की किस्तों और बढ़ते आयात का भुगतान करना आसान होता है। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा 4.61 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रही।
इनपुट: आईएएनएस
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