Electric Vehicles (ईवी) में आग लगने की कई घटनाओं के बाद सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने रविवार को कहा कि ईवी में आग लगने की प्रत्येक घटना की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की प्रत्येक घटना की जांच की जाएगी। हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कई हादसे हुए हैं। इन घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई है। यह पूछे जाने पर कि क्या बैटरी में आग लगने की घटनाओं की वजह से ईवी क्षेत्र में भारत के अगुवा बनने के प्रयासों पर असर पड़ेगा, अरमाने ने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन विनिर्माताओं को जल्द सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने होंगे और गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता भरोसा प्रणाली स्थापित करनी होगी।
दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का आदेश
उन्होंने कहा, भारतीय ईवी उद्योग हमारी कल्पना से कहीं अधिक समृद्ध और विकसित होने के साथ आगे बढ़ रहा है। अरमाने ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने अभी अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। उन्होंने कहा कि बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित सभी समस्याओं मसलन खरीद, डिजाइन, प्रबंधन, परिचालन और विनिर्माण की जांच की जाएगी। इसके बाद ही उचित सिफारिशें जारी की जाएंगी। हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि लापरवाही करने वाली कंपनियों को दंडित किया जाएगा और विशेषज्ञ समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट देने के बाद सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का आदेश दिया जाएगा। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकाई के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में पुणे में आग लगने की घटना के जांच के आदेश पिछले महीने दिए जा चुके हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, अग्नि विस्फोटक और पर्यारण सुरक्षा केंद्र (सीफीस) से उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया है जिनके कारण ये घटनाएं हुई हैं। सीफीस इस बारे में अपनी सिफारिशें भी देगा।
इन कंपनियों के स्कूटर में आग लगने की घटना हुई
अभी तक प्योर ईवी के एक स्कूटर, ओला के एक, ओकिनावा के दो, जितेंद्र ईवी के 20 स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने से संबंधित सवाल पर अरमाने ने कहा, ‘‘पिछले साल (2021-22 वित्त वर्ष) में हमने संपत्ति मौद्रीकरण के जरिये 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई। इसके अलावा हमने टोल के प्रतिभूतिकरण से 5,000 करोड़ रुपये हासिल किए हैं। उन्होंने कहा, हमने कुल मिलाकर संपत्तियों के मौद्रीकरण से 20,000-21,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त, 2021 में, विभिन्न क्षेत्रों की बुनियादी ढांचा संपत्तियों का मूल्य निकालने के लिए छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा की थी।
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