बीते दशक में रोजगार और आर्थिक विकास के स्तंभ के रूप में उभरे स्टार्टअप का बुलबुला लगभग फूट चुका है। देश में बीते कुछ महीने में स्टार्टअप 12000 युवाओं को नौकरी से निकाल चुके हैं। इस बीच स्टार्टअप को लेकर एक और बुरी खबर आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों की तरफ से जुटाई गई रकम 33 प्रतिशत गिरकर 6.9 अरब डॉलर रह गई।
11000 युवाओं की गई नौकरी
स्टार्टअप का बुलबुला फूटने का सबसे बुरा असर नौकरियों पर पड़ा है। कोरोना के दौर में सबसे ज्यादा एडटेक यानि आनलाइन क्लासेस से जुड़े स्टार्टअप और फिनटेक में बंपर नौकरियां निकली थीं। लेकिन अब सबसे बुरा हाल इन्हीं का है। देश में 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से अब तक 11,695 लोगों को निकाला है। सबसे ज्यादा छंटनी ओला, ब्लिंकिट, व्हाइटहैट जूनियर, लीडो लर्निंग, अनएकेडमी ने की है। सबसे ज्यादा छंटनी ईकॉमर्स कंपनियों ने की है। जबकि एजुटेक दूसरे नंबर पर रही हैं।
Image Source : fileStartups Job Loss
कोरोना काल में हुई थी बंपर कमाई
बाजार से जुड़ी जानकारी देने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय स्टार्टअप ने 6.9 अरब डॉलर का कोष जुटाया जो जनवरी-मार्च तिमाही के 10.3 अरब डॉलर की तुलना में 33 प्रतिशत कम है। अप्रैल-जून, 2021 की तुलना में भी यह आंकड़ा कम है। एक साल पहले की समान अवधि में भारतीय स्टार्टअप ने 10.1 अरब डॉलर का वित्त जुटाया था।
बिगड़ा फाइनेंस
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप ने अप्रैल-जून तिमाही में वित्तपोषण के 409 दौर में कुल 6.9 अरब डॉलर जुटाए। रिपोर्ट कहती है कि वित्तपोषण में आई गिरावट के पीछे भारतीय स्टार्टअप को मिलने वाले वित्त में आई सुस्ती ही अहम वजह लगती है
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