Starbucks CEO: भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन (Laxman Narasimhan) को कॉफी कंपनी स्टारबक्स (Starbucks) का अगला मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है। अभी वह ब्रिटेन की स्वास्थ्य एवं पोषण कंपनी रेकिट बेनकिसर के सीईओ हैं। स्टारबक्स ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि 55 वर्षीय नरसिम्हन कंपनी के अगले सीईओ होंगे और वह स्टारबक्स के निदेशक मंडल के सदस्य भी होंगे।
पुरानी कंपनी से महीने के आखिरी में देंगे इस्तीफा
नरसिम्हन एक अक्टूबर 2022 से आगामी सीईओ के तौर पर कंपनी से जुड़ेंगे और वह अंतरिम सीईओ हॉवर्ड शुल्ट्ज के साथ काम करेंगे। वह निदेशक मंडल में और नेतृत्व भूमिका में एक अप्रैल 2023 से आएंगे। रेकिट बेनकिसर ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि नरसिम्हन 30 सितंबर 2022 को सीईओ पद छोड़ेंगे। नरसिम्हन ने एक बयान में कहा कि वैश्विक कॉफी कंपनी के साथ जुड़ना उनके लिए प्रसन्नता की बात है।
30 वर्षों का है अनुभव
स्टारबक्स के एक बयान के अनुसार, “नरसिम्हन को वैश्विक उपभोक्ता मामलों में ब्रांडों का नेतृत्व करने और सलाह देने का लगभग 30 वर्षों का अनुभव है। उनका उद्देश्य ब्रांडों को विकसित करने और उसे एक नई उंचाई पर ले जाने का रहता है। डिजिटल युग को समझते हुए उसपर बेहतर ढंग से काम करने में वो सफल रहे हैं।
कौन है नरसिम्हन?
55 वर्षीय नरसिम्हन ने पुणे विश्वविद्यालय (अब सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय) के इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। वह पहले यूके स्थित मल्टीनेशनल उपभोक्ता स्वास्थ्य कंपनी Reckitt Benckiser के सीईओ थे। स्टारबक्स, जिसका मुख्यालय सिएटल में है, दुनिया की सबसे बड़ी कॉफीहाउस कंपनी है। उन्होंने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में द लॉडर इंस्टीट्यूट से जर्मन और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में एमए भी प्राप्त किया। उन्होंने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsylvania) के व्हार्टन स्कूल (Wharton School) से फाइनेंस में एमबीए (MBA) किया है।
कैसा रहा करियर?
नरसिम्हन ने अपना करियर तब शुरू किया जब वह मैकिन्से में शामिल हुए और 2012 तक 19 साल तक वहां काम किया था। वहां वह एक सीनियर पार्टनर के रूप में काम कर रहे थे, जहां उन्होंने अमेरिका, एशिया और भारत में अपने उपभोक्ता, खुदरा और प्रौद्योगिकी प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें खुदरा के भविष्य पर फर्म की सोच का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। 2012 में पेप्सिको लैटिन अमेरिका के सीईओ और पेप्सिको अमेरिका फूड्स के सीएफओ के रूप में उन्होनें नई पारी की शुरुआत की थी।
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