नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में सक्रिय रियल एस्टेट डेवलपरों को अपनी अटकी हुई परियोजनाएं पूरी करने में केंद्र सरकार के सहायता कोष (स्ट्रेस फंड) से मदद लेने के लिए संपत्तियों को गिरवी रखने की मंजूरी दी जाएगी। नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि रियल एस्टेट डेवलपरों को संपत्ति गिरवी रखने की मंजूरी और बकाया भुगतान को पुनर्निर्धारित करने का फैसला प्राधिकरण के बोर्ड की सोमवार को संपन्न बैठक में लिया गया।
केंद्र ने बनाया 25 हजार करोड़ का फंड
केंद्र सरकार ने नवंबर, 2019 में अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक सहायता कोष गठित किया था। इस कोष के निवेश प्रबंधन का दायित्व एसबीआईकैप को दिया गया है। 'किफायती एवं मध्यम आय वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए विशेष खिड़की' (स्वामी) नाम के इस कोष से 1,500 से अधिक अटकी पड़ी योजनाओं को पूरा किया जाना है जिनमें 4.58 लाख से अधिक फ्लैट प्रस्तावित हैं।
डेवलपर्स को गिरवी रखनी होगी प्रॉपर्टी
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि इस कोष से अबतक नोएडा क्षेत्र की तीन आवासीय परियोजनाओं को आर्थिक मदद मिल चुकी है। इस संख्या को बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ने नियमों में कुछ रियायत देने का फैसला किया है। प्राधिकरण ने बयान में कहा, स्वामी कोष के तहत मदद के लिए एसबीआई-कैप को प्राप्त प्रस्ताव मिलने के बाद संबंधित बिल्डर को संपत्ति गिरवी रखने की मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही प्राधिकरण ने बकाया राशि के पुनर्भुगतान के लिए उन बिल्डर परियोजनाओं को नया कार्यक्रम तय करने की भी मंजूरी देने की घोषणा की है जिनके अंतिम भुगतान का समय पहले ही बीत चुका है।
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