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Hindi News पैसा बिज़नेस Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में महंगाई के बीच नागरिकों को बहुत बड़ा झटका, 21 साल में सबसे अधिक ब्याज दरें

Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में महंगाई के बीच नागरिकों को बहुत बड़ा झटका, 21 साल में सबसे अधिक ब्याज दरें

केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से लिए जाने वाली स्थानीय जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है।

Sri Lanka- India TV Paisa Image Source : AP Sri Lanka

Highlights

  • श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने महत्वपूर्ण नीतिगत दरों को बढ़ाकर 14.50% और 15.50 % किया
  • महंगाई से से श्रीलंका के गरीबों और वंचितों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं
  • खाने-पीने के सामान, ईंधन, रसोई गैस और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की किल्लत

Sri Lanka Economic Crisis:  श्रीलंका में पिछली सरकार की गलत आर्थिक नीति के कारण देश लगभग दीवालिया हो चुका है। अब जब देश सुधार की राह पर है तो इसका खामियाजा भी आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है। श्रीलंका में महंगाई चरम पर है। इसे देखते हुए श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने महत्वपूर्ण नीतिगत दरों को बढ़ाकर 14.50 प्रतिशत और 15.50 प्रतिशत कर दिया है। 

केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से लिए जाने वाली स्थानीय जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है। जरूरी वस्तुओं की कीमतों में आए हालिया उछाल से श्रीलंका के गरीबों और वंचितों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। 

श्रीलंका में जरूरत के सामान की भारी कमी 

श्रीलंका में लोगों को खाने-पीने के सामान, ईंधन, रसोई गैस और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। वीरासिंघ ने मुद्रास्फीति के 70 प्रतिशत तक पहुंच जाने की आशंका जताते हुए कहा, "हमारी प्राथमिकता मुद्रास्फीति को जल्द से जल्द एक वाजिब स्तर तक लाने की है। जितना जल्दी ऐसा हो, उतना ही अच्छा है।" जून में श्रीलंका की मुद्रास्फीति 55 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है।

60 लाख श्रीलंकाइयों पर महंगाई की मार 

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी 'विश्व खाद्य कार्यक्रम' (WFP) ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई की वजह से लगभग 6.26 मिलियन श्रीलंकाई इस वक्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यानि श्रीलंका के 10 में से तीन परिवारों को नहीं पता है कि सुबह खाना खाने के बाद शाम के खाने का इंतजाम कैसे होगा। रिकॉर्ड महंगाई, ईंधन की आसमान छूती कीमतें और दैनिक जरूरतों में इस्तेमाल होने वाले सामान के दामों में बढ़ोतरी ने श्रीलंका के लगभग 61 फीसदी परिवारों को अपने रोज के खर्चों में कटौती करने पर मजबूर कर दिया है। इस कटौती की वजह से अब श्रीलंका के लोग ठीक से पौष्टिक भोजन भी नहीं कर पा रहे हैं।

किसानों की स्थिति सबसे खराब

डब्लूएफपी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खाद्य असुरक्षा को लेकर श्रीलंका में सबसे ज्यादा खराब स्थिति किसानी से जुड़े लोगों की है। इस तबके के आधे से अधिक परिवार खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यानि इन्हें नहीं पता है कि उनका अगले भोजना का इंतजाम कैसे होगा। 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

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