A
Hindi News पैसा बिज़नेस Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के बाद डेंजर जोन में Pakistan सहित ये 10 देश, दीवालिया होने का बढ़ा खतरा

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के बाद डेंजर जोन में Pakistan सहित ये 10 देश, दीवालिया होने का बढ़ा खतरा

श्रीलंका, लेबनान, Russia, सूरीनाम और जाम्बिया पहले से ही Default कर चुके हैं, बेलारूस Economic crisis की कगार पर है, वहीं कम से कम एक दर्जन देशों पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है।

Sri Lanka Crisis- India TV Paisa Image Source : PTI Sri Lanka Crisis

Highlights

  • दुनिया के करीब एक दर्जन विकासशील देश श्रीलंका जैसी स्थिति में खड़े हैं
  • विश्लेषकों के मुताबिक इन देशों पर 400 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है
  • अर्थशास्त्रियों को डर है कि कई अभी और भी देश डिफ़ॉल्ट कर सकते हैं

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका अपनी आर्थिक बदहाली के चलते दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। जरूरी समानों की महंगाई और किल्लत की मार झेल रही जनता सड़क पर है, सरकार लापता है और विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो चुका है। श्रीलंका की हालत किसी से छिपी नहीं है, लेकिन दुनिया के करीब एक दर्जन विकासशील देश श्रीलंका जैसी स्थिति में खड़े हैं। इन देशों में स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। यहां मुद्रा का मूल्य गर्त में जा रहा है, तिजोरी लगभग खाली है। 

श्रीलंका, लेबनान, रूस, सूरीनाम और जाम्बिया पहले से ही डिफ़ॉल्ट कर चुके हैं, बेलारूस डिफॉल्ट की कगार पर है। कम से कम एक दर्जन देश डेंजर जोन में हैं। यहां बढ़ता उधार और महंगाई लोगों की नींदें उड़ा रहा है।

Image Source : fileSri Lanka

विश्लेषकों के मुताबिक इन देशों पर 400 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है। अर्जेंटीना पर सबसे अधिक 150 बिलियन डाूलर से अधिक का कर्ज है। वहीं इक्वाडोर पर 40 बिलियन डॉलर और मिस्र 45 बिलियन डॉलर का कर्ज है। अर्थशास्त्रियों को डर है कि कई अभी और भी देश डिफ़ॉल्ट कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही देशों के बारे में जिन पर कंगाल होने का खतरा मंडरा रहा है। 

अर्जेंटीना

अर्जेंटीना का नाम आपने फुटबॉल के मैदान में जरूर सुना होगा। लेकिन यह विकासशील देश आर्थिक मोर्चे पर बदलाही की मार झेल रहा है। जानकारों के अनुसार अर्जेंटीना पर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। यहां की मुद्रा पेसो का मूल्य 50 प्रतिशत तक घट चुका है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार भी आपात स्थिति में आ चुका है। एक अनुमान के अनुसार सरकार के बाद सिर्फ 2024 तक कर्ज चुकाने लायक पैसा बचा है।

यूक्रेन

रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन की हालत पतली है। इस देश पर 20 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है। मॉर्गन स्टेनली और अमुंडी जैसे निवेशकों निवेशकों ने चेतावनी दी है कि ​यदि कर्ज की रिस्ट्र​क्चरिंग नहीं हुई तो यह देश कंगाल हो जाएगा। यूक्रेन के लिए सितंबर का महीना संकट भरा होगा। क्योंकि इसी महीने में यूक्रेन को 1.2 बिलियन डॉलर के बांड का भुगतान करना है। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध से कब बाहर निकलेगा फिलहाल कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में यहां संकट बड़ा है और इसका इलाज अनिश्चित है। 

Image Source : IndiatvDeveloping Countries Under Crisis

ट्यूनीशिया

अफ्रीका में आर्थिक बदहाली झेल रहे देशों की लंबी कतार है, लेकिन इन सभी में ट्यूनीशिया सबसे अधिक जोखिम में है। यहां बजट घाटा 10% के पार चला गया है। यहां दुनिया में सबसे अधिक वेतन का भार सरकार पर है। वहीं राजनैतिक अस्थिरता के कारण आईएमएफ से सस्ती दरों पर कर्ज लेना भी काफी मुश्किल हो गया है। ट्यूनीशिया मॉर्गन स्टेनली की संभावित चूककर्ताओं की लिस्ट में पहले तीन स्थानों में है। 

घाना

एक और अफ्रीकी देश घाना भी संकट में है। घाना का ऋण जीडीपी अनुपात लगभग 85% तक पहुंच गया है। इसकी मुद्रा सेडी इस साल 25 फीसदी तक टूट चुकी है। देश की कुल कमाई का आधा हिस्सा तो सिर्फ कर्ज चुकाने में खर्च हो जाता है। आम लोगों के लिए महंगाई भी 30 फीसदी के करीब पहुंच रही है। जल्द हालात नहीं सुधरे तो यहां पर गृहयुद्ध का खतरा भी पैदा हो रहा है। 

मिस्र

स्वेज नहर के मुहाने पर बसा अरब देश मिस्र के हाल भी दूसरे अफ्रीकी देशों से जुदा नहीं हैं। यहां ऋण और जीडीपी अनुपात लगभग 95 प्रतिशत है। यहां का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से खाली हो रहा है। जेपी मॉर्गन के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 11 बिलियन डॉलर की सेंध लगी है। फंड फर्म FIM पार्टनर्स का अनुमान है कि मिस्र के पास अगले पांच वर्षों में भुगतान करने के लिए 100 बिलियन डॉलर का कठोर ऋण है, जिसमें 2024 में 3.3 बिलियन डॉलर का बांड भी शामिल है।

केन्या

केन्या भी आर्थिक रूप से कंगाल अफ्रीकी देशों में शामिल है। केन्या अपनी कुल कमाई का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा ब्याज के भुगतान पर खर्च करता है। इसके बांडों ने अपना लगभग आधा मूल्य खो दिया है। केन्या, मिस्र, ट्यूनीशिया और घाना पर मूडीज के डेविड रोगोविक ने कहा है कि "ये देश सबसे कमजोर हैं क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार के मुकाबले कर्ज की मात्रा काफी ज्यादा है। "

पाकिस्तान

Image Source : fileInflation in Pakistan

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत भी श्रीलंका से ज्यादा जुदा नहीं है। महंगाई के कारण आम लोगों की कमर टूटी हुई है। हालांकि पिछले महीने आईएमएफ से 6 अरब डॉलर की डील के बाद यहां हालत कुछ बेहतर हुए हैं। तेल का महंगा आयात देश का भुगतान संतुलन बिगाड़ रहा है। ऐसे में हर विदेशी मदद भी यहां कम पड़ती दिख रही है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 9.8 अरब डॉलर तक गिर गया है, जो आयात के पांच सप्ताह के लिए मुश्किल से ही पर्याप्त है। पाकिस्तानी रुपया कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। नई सरकार को अब तेजी से खर्च में कटौती करने की जरूरत है क्योंकि वह अपने राजस्व का 40% ब्याज भुगतान पर खर्च करती है। 

बेलारूस

पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने पिछले महीने रूस को डिफ़ॉल्ट होने के लिए मजबूर कर दिया। वहीं दूसरी ओर रूस का सहयोगी होने के कारण बेलारूस को यूरोपीय देशों के सौतेले व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। छोटा देश होने के कारण यहां भी स्थिति बेकाबू होने की कगार पर है। 

इक्वेडोर

लैटिन अमेरिकी देश दो साल पहले ही कर्ज चुकाने से चूक गया था। हिंसक विरोध और राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो को हटाने के प्रयास के चलते देश गहरे संकट में है। इस देश पर बहुत अधिक कर्ज है और सरकार द्वारा ईंधन और खाद्य सब्सिडी देने के साथ जेपी मॉर्गन ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र के राजकोषीय घाटे के अनुमान को इस साल सकल घरेलू उत्पाद का 2.4 प्रतिशत और अगले वर्ष 2.1 प्रतिशत कर दिया है। यहां बॉन्ड स्प्रेड 1,500 बीपीएस से ऊपर है।

नाइजीरिया

नाइजीरिया सरकारी राजस्व का लगभग 30% अपने कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने में खर्च करता है। यहां बॉन्ड स्प्रेड सिर्फ 1,000 बीपीएस से अधिक है, नाइजीरिया के अगले $500 मिलियन बॉन्ड भुगतान पर भी खतरा है। हालांकि जून से इसमें लगातार सुधार दिख रहा है। 

Latest Business News