कोलंबो। श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा कि द्वीपीय देश ने 50 करोड़ डॉलर के अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बॉन्ड का भुगतान कर दिया है। इसके साथ ही श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा संकट के बीच एक बड़ी चूक को टालने में कामयाबी हासिल की है। इस महीने की शुरुआत में भारत ने श्रीलंका को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और खाद्य आयात के लिए 90 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की घोषणा की थी।
सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर अजित कैब्राल ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंका ने आज (18 जनवरी) परिपक्व होने वाले 50 करोड़ डॉलर के सॉवरेन बॉन्ड का भुगतान कर दिया है।’’ अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने मंगलवार को परिपक्व हो रहे 50 करोड़ डॉलर सहित कुल 1.5 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बॉन्ड का भुगतान करने की श्रीलंका की क्षमता पर संदेह जताया था।
गौरतलब है कि देश में विदेशी मुद्रा संकट के मद्देनजर कारोबारी समुदाय, आर्थिक विश्लेषकों और विपक्षी राजनेताओं ने 2012 में जारी किए गए इन बॉन्डों के भुगतान को टालने की अपील की थी। उनका कहना था कि इस धनराशि का इस्तेमाल आवश्यक वस्तुओं के आयात में करना चाहिए। इसके बावजदू ये भुगतान किया गया। एक अरब डॉलर का अगला बॉन्ड भुगतान जुलाई में बकाया है।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सुबह संसद में स्वीकार किया कि उनकी सरकार के सामने मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट को हल करने की गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में छह अरब डॉलर से अधिक के विदेशी ऋण का भुगतान किया जाना है।
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