केंद्र की मोदी सरकार की बीते 8 साल की प्रमुख उपलब्धियों में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की धुंआधार रफ्तार भी रही है। यहां तक कि कोरोना कल में जहां देश भर में लॉकडाउन लगा हुआ था तब भी राष्ट्रीय राजमार्ग बनने की रफ्तार नहीं घटी थी। लेकिन 2022-23 के पहले 5 महीनों में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इस साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक की बात करें तो हर दिन औसतन 19 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है।
भारत में सड़क निर्माण की रफ्तार
- 2019-20 में 10,237 किलोमीटर
- 2020-21 में 13,327 किलोमीटर
- 2021-22 में 10,457 किलोमीटर
- 2021-23 में 12,000 किमी
कोविड के दौरान 37 किमी. प्रतिदिन थी रफ्तार
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण 37 किलोमीटर प्रतिदिन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, इस दौरान कोविड संबंधी पाबंदियों और कुछ हिस्सों में मानसून के लंबे समय तक सक्रिय रहने से 2021-22 में यह कम होकर 28.64 किलोमीटर प्रतिदिन रह गया।
इस साल 2,912 किलोमीटर नेशनल हाइवे का निर्माण
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमआरटीएच) ने अगस्त, 2022 के लिए मंत्रिमंडल के लिए अपनी मासिक संक्षिप्त रिपोर्ट में कहा, ‘‘मंत्रालय ने अगस्त 2022 तक 2,912 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है। अगस्त, 2021 में 3,355 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया था। पिछले वर्ष के 3,261 किमी की तुलना में इस अवधि के दौरान 2,706 किमी सड़क परियोजनाओं का ठेका दिया गया।
सड़क निर्माण के ठेकों में भी आई कमी
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान 2,706 किलोमीटर सड़क परियोजनाओं का ठेका दिया गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 3,261 किलोमीटर था। देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की जिम्मेदारी मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की है।
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