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Hindi News पैसा बिज़नेस Smartphone की तरह अब Electric बसों में भी होगा एक समान चार्जिंग प्रणाली

Smartphone की तरह अब Electric बसों में भी होगा एक समान चार्जिंग प्रणाली

गडकरी ने लोगों को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Electirc Buses - India TV Paisa Image Source : PTI Electirc Buses

Highlights

  • विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसों के लिये अलग-अलग चार्जिंग प्रणाली है
  • गडकरी ने कहा कि ऐसे में राज्यों को दिक्कत हो रही है
  • इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिये एक ही प्रणाली होनी चाहिए

Smartphone की तरह अब Electric बसों में भी एक समान चार्जिंग प्रणाली होगा। दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों से विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसों के लिये समान चार्जिंग प्रणाली पर गौर करने को कहा है। गडकरी ने कहा कि विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसों के लिये अलग-अलग चार्जिंग प्रणाली है, ऐसे में राज्यों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री ने मुझे विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसों के लिए अलग-अलग चार्जिंग प्रणाली की समस्या के बारे में बताया।

अधिकारियों से समाधान खोजने के लिये कहा

मैंने अपने अधिकारियों से इसका समाधान खोजने के लिये कहा है। विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिये एक ही प्रणाली होनी चाहिए।’’ गडकरी ने लोगों को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोगों को और कार खरीदने के लिए हतोत्साहित करने की जरूरत है। हमें महानगरों में वातानुकूलित ट्रॉली बस सेवा शुरू करने की आवश्यकता है।’’ मंत्री ने उम्मीद जतायी कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमतें एक या दो साल के भीतर देश में पेट्रोल वाहनों के मूल्य के बराबर हो जाएंगी। गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024 के अंत से पहले लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 10 प्रतिशत तक कम करना है, जो वर्तमान में 14-16 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी कहा कि हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है।

स्वचालित वाहन टोल संग्रह का परीक्षण कर रही

रकार टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम करने और वाहन मालिकों से सुविधाजनक तरीके से शुल्क लेने के लिए एक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली पर काम कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए सरकार एक पायलट परियोजना का संचालन कर रही है, जिसके जरिये टोल राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों से सटीक दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने ‘इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स’ (आईएसीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बिजली पर आधारित बनाना चाहती है। गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना अपने-आप टोल संग्रह के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की एक पायलट परियोजना पर काम कर रहा है।’’

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