सिंगापुर एयरलाइंस ने मंगलवार को कहा कि एयर इंडिया और विस्तारा का प्रस्तावित विलय प्रगति पर है। एयरलाइन ने कहा कि वह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एवं अन्य नियामकीय मंजूरियों का इंतजार कर रही है। विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का संयुक्त उद्यम है। एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा नवंबर, 2022 में की गई थी। इस सौदे के तहत सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। सिंगापुर एयरलाइंस ने दिसंबर तिमाही के अपने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि इस विलय से भारत में उसकी उपस्थिति बढ़ेगी, उसकी मल्टी-हब रणनीति मजबूत होगी और उसे भारत के बड़े एवं तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में सीधे भाग लेने की अनुमति मिल जाएगी।
एफडीआई और अन्य नियामकीय अनुमोदन का इंतजार
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘एयर इंडिया और विस्तारा का प्रस्तावित विलय प्रगति पर है। इसके लिए एफडीआई और अन्य नियामकीय अनुमोदन लंबित हैं। इसके पूरा होने पर सिंगापुर एयरलाइंस को विस्तारित एयर इंडिया ग्रुप में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल जाएगी।“ विस्तारा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विनोद कन्नन ने पिछले महीने कहा था कि यह विलय सौदा 2025 के मध्य तक पूरा होने और लेनदेन के लिए सभी कानूनी मंजूरी इस साल के मध्य तक मिलने की उम्मीद है।
टाटा के पास है एयर इंडिया का मालिकाना हक
एयर इंडिया अब टाटा ग्रुप के पास चली गई है। 8 अक्टूबर 2021 को टाटा ग्रुप की कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती थी। इसके बाद से एयर इंडिया का कलेवर बदल गया है। टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के विस्तार के लिए जमकर पैसा खर्च किया है। बड़ी संख्या में नए विमानों के ऑर्डर भी दिये गए हैं।
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