A
Hindi News पैसा बिज़नेस वर्क फ्रॉम होम खत्म होने का साइड इफेक्ट! सिर्फ 6 महीने में सजने-संवरने पर 5000 करोड़ का खर्च, यहां पढ़े पूरा ब्योरा

वर्क फ्रॉम होम खत्म होने का साइड इफेक्ट! सिर्फ 6 महीने में सजने-संवरने पर 5000 करोड़ का खर्च, यहां पढ़े पूरा ब्योरा

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उपभोक्ताओं ने पिछले छह महीने के दौरान कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर औसतन 1,214 रुपये खर्च किए।

ब्यूटी प्रोडक्ट- India TV Paisa Image Source : FILE ब्यूटी प्रोडक्ट

वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से कॉस्मेटिक कंपनियों की लॉटरी लग गई है। दरअसल, कोरोना के बाद लंबे समय से अधिकांश कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम चल रहा था। महिलाएं और पुरुष घर से काम कर रहे थे। इसलिए वे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कम कर रहे थे। लेकिन, इस साल की शुरुआत से ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम खत्म कर दिया है। अब अधिकांश कंपनियों में कर्मचारियों को ऑफिस जाना जरूरी है। इससे ब्यूटी प्रोडक्ट की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। 

10 करोड़ से अधिक कॉस्मेटिक आइटम बेचे गए

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी Kantar Worldpanel की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से भारतीय खरीदारों ने बीते 6 महीने में अपने सजने-संवरने पर 5000 करोड़ रुपये की बड़ी रकम खर्च की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह महीनों के भीतर, लिपस्टिक और नेल पॉलिश से लेकर आईलाइनर तक 10 करोड़ से अधिक कॉस्मेटिक आइटम बेचे गए हैं, जिससे 5,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, इनमें से लगभग 40 प्रतिशत खरीदारी ऑनलाइन हुई है। वैसे भी दुनियाभर में भारतीय महिलाएं सजने-संवरने पर सबसे ज्यादा ध्यान देती है। हालांकि, बदलते दौर में अब पुरुष भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जमकर खरीद रहे हैं। इसके चलते कई कंपनियां अब पुरुषों को ध्यान में रखकर अपने प्रोडक्ट को लॉन्च कर रही है। 

कॉस्मेटिक उत्पाद पर औसतन 1,214 रुपये खर्च

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उपभोक्ताओं ने पिछले छह महीने के दौरान कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर औसतन 1,214 रुपये खर्च किए। कुल बिक्री में लिप उत्पादों का दबदबा रहा, जिनकी हिस्सेदारी 38 प्रतिशत रही, इसके बाद नाखून उत्पादों का स्थान रहा, जो भारतीय खरीदारों के बीच सौंदर्य खरीद के विविधीकरण का संकेत देता है।

मेकओवर की डिमांग में बड़ा उछाल

शॉपर्स स्टॉप ने बताया है कि चालू तिमाही में 150,000 से अधिक मेकओवर की गई। यह उपभोक्ताओं की मेकअप और ब्रांडों के साथ बातचीत करने और उनके द्वारा खरीदे जा रहे मेकअप और इसके उपयोग के विभिन्न तरीकों के बारे में अधिक जानने में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि भारतीय उपभोक्ता अब पारंपरिक कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट जैसे काजल और लिपस्टिक से आगे बढ़कर प्राइमर, आई शैडो और कंसीलर्स जैसे उत्पाद की खरीदारी कर रहे हैं। 

Latest Business News